महराजगंजउत्तर प्रदेश

04 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन ।

महराजगंज । मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार राय द्वारा जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के तत्त्वावधान में डिस्लेक्सिया और अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर एडीएचडी पर 04 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन विकास भवन सभागार में किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि समाज में डॉक्टर और शिक्षक का बेहद अहम स्थान है। डॉक्टर को भगवान के समकक्ष माना जाता है, Iतो शिक्षक का दर्जा भगवान से भी ऊपर है। कहा कि डिस्लेक्सिया और अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर दिव्यांगता का वह प्रकार है ।जिसको पहचानना कठिन है। उन्होंने कहा कि इसमें बच्चे को पढ़ने–लिखने और चीजों को सही तरीके से समझने में समस्या आती है। इस प्रकार की दिव्यांगता को प्रायः अभिभावक भी नहीं समझ पाते हैं। लेकिन शिक्षक अगर इस दिव्यांगता से अवगत हैं ।तो न सिर्फ इन दोनों प्रकार की दिव्यांगताओं को पहचान पाएंगे, बल्कि इससे पीड़ित को उबरने में भी शिक्षकों की बेहद अहम भूमिका है। उन्होंने सभी उपस्थित शिक्षकों से अनुरोध किया कि प्रशिक्षण कार्यशाला को गंभीरता से लें और इसमें सीखी हुई बातों से साथी शिक्षकों को भी अवगत कराएं, ताकि उक्त दोनों प्रकार की दिव्यांगताओ से पीड़ित बच्चों की मदद हो सके।सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी शांत प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि समन्यतः दिव्यांगता को आसानी से पहचाना जा सकता है । और इससे पीड़ित लोगों के प्रति समाज सहानुभूति रखता है। लेकिन ऐसा देखा गया है कि डिस्लेक्सिया और अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर को सामान्य रूप से पहचानना कठिन है । और इसके कारण पीड़ित बच्चे को सहयोग और सहानुभूति के समाज के साथ–साथ अपने निकटस्थ लोगों की उलाहना और प्रतारणा का शिकार होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस छिपी हुई दिव्यांगता को पहचानने और पीड़ित बच्चों की मदद हेतु इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने कंपोजिट रीजनल सेंटर की टीम को जनपद के बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
डिस्लेक्सिया और अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर पर 04 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन प्रतिदिन तीन सत्रों में किया जाएगा। कार्यशाला में उक्त दोनों प्रकार की दिव्यांगताओं की पहचान, लक्षण, उपचार, उनके पुनर्वास शासन की नीतियों सहित विभिन्न बिंदुओं पर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। आगे ये शिक्षक की सहायता से अन्य शिक्षकों को भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्देश्य उक्त दोनों प्रकार की दिव्यांगता के शिकार बच्चों की मदद और समाज में उनका पुनर्वास करना है। कार्यशाला में जिला विद्यालय निरीक्षक अमरनाथ राय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रवण कुमार गुप्ता, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी कन्हैया यादव, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नीरज कुमार अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में बेसिकऔर माध्यमिक के शिक्षकगण उपस्थित रहे।

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