यज्ञ स्थल पर निकाली गई भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप का मंचन ।

महराजगंज । लक्ष्मीपुर श्रीमद्भागवत कथा के बुधवार की रात्रि में भागवत कथा के तीसरे दिन श्रीकृष्ण जन्म के प्रसंग में नंद बाबा के घर में जन्मोत्सव का वर्णन वृंदवन से पधारे कथावाचक आचार्य पं. श्यामजी उपाध्याय महाराज ने किया। जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गये। नन्दोत्सव के घर लल्ला के आने मिठाइयां बांटकर एवं बधाइयां देकर खुशियां मनाई गई। आचार्य ने ओजस्वी वाणी से संगीतमय कथा सुनाते हुए भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की कथा का विस्तार वर्णन किया।इस अवसर पर भगवान कृष्ण की बाल्यावस्था की सुंदर झांकी सजाई गई तथा उपस्थित जन समूह ने भगवान की जय-जयकार करने लगे। वही महिलाओं सोहर व नृत्य घर खुशियां मनायी। आचार्य ने कहा कि जब जब पृथ्वी पाप के बोझ से दबने लगती है तथा पाप बढ़ता है तब तब श्री हरि अवतार लेकर पाप और पापी का नाश कर पुन: धर्म को स्थापित करते हैं। मथुरा के राजा कंस ने पाप का आचरण करते हुए अपने ही पिता को कारावास में डालकर सत्ता पर आसीन होकर प्रजा पर अत्याचार किया तथा जब उसे पता चला कि उसकी सगी बहिन देवकी की आठवीं संतान ही उसके काल का कारण बनेगी तो उसने बहन देवकी व उसके पति वासुदेव को कारावास में बंद कर दिया, लेकिन श्री हरि की कृपा से माया के कारण कारावास के बंद पडे़ द्वार खुल गए व मायावश वासुदेव भगवान कृष्ण को उफनती यमुना को पार कर सकुशल बाबा नंद के घर छोड़ देते है तथा बाबा नंद के घर में पुत्र होने का समाचार पाकर पूरे नंद में आनंद छा जाता है।इस दौरान भृगुभूषण शास्त्री,विवेक उपाध्याय,रोहित मिश्र,रितेश पाण्डेय,मनू मिश्र,धनेश मिश्र,सूरज शास्त्री ,शिवम शास्त्री सहित भारी तादाद में लोग शामिल रहे।