कुशीनगरउत्तर प्रदेश

प्रभात काव्य संस्था ने सम्मान में किया काव्य गोष्ठी

नसरूल्लाह अंसारी

*कुशीनगर।* जनपद खड्डा के नामचीन शायर व नारायणी साहित्यिक मंच के संस्थापक डा. एन टी खान अक्स के कप्तानगंज आगमन पर मंगलवार की रात्रि में नगर की साहित्यिक संस्था प्रभात काव्य संस्था द्वारा एक काव्य गोष्ठी का आयोजन संस्था के महामंत्री के आवास विमला सदन पर संस्था के अध्यक्ष इंद्रजीत इंद्र की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
संचालन किया बेचू बीए ने।
गोष्ठी के मुख्य अतिथि डा एन टी खान अक्स व अतिथि हरेराम गुप्त रहे।
सर्व प्रथम माँ शारदे के चित्र पर अतिथियों द्वारा पुष्पार्चन आर्पित किया गया। तदोउपरांत मां सरस्वती वंदना कवि कन्हिया लाल करुण से काव्य गोष्ठी का शुभारम्भ हुआ। इसके बाद संस्था की ओर से अक्स साहब को अंग वस्त्र ओढ़ा कर सम्मानित किया गया।
इसके बाद युवा शायर अरमान मंसूरी ने यह पढा-
“गई थी जहां पर मुझे छोड़ कर के
ये लड़का वहीं पर अभी भी खड़ा है।”
विनोद गुप्ता ने खूब सुनाया-
“अपनी नज़रें इनायत किया कीजिये”
अमजद आर के ने यह सुनाया-
“और मेरी आखरी मोहब्ब्त है तूं”
नुरूद्दीन नूर ने यह सुना कर खूब वाहवाही लूटी-
” आज की सुबह जब नींद से बेदार हुआ।”
धर्मेंद्र कुमार निर्मल ने यह सुनाया-
“जिम्मेदार जब जिम्मा भुलाई…”
डॉ इम्तियाज़ समर ने यह पढ़ा-
“मंजिलें चूम लेंगी कदम आप का ।”
बेचू बी ए ने मणिपुर की घटना पर यह गीत सुनाया-
“मैं चीखना चाहती तो हूं, लेकिन ये काले बादल।”
इंद्रजीत इंद्र ने भी वीर रस की कविता सुनाया
अंत में मुख्य अतिथि एन टी खान अक्स ने खूब पढ़ा-
“शायरी को क्या कहें किस हाल में पहुँचा दिया
एक घर था बिक गया तिरपाल तक पहुंचा दिया”
आखिर में मेजबान ने सबका आभार व्यक्त किया।

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