महराजगंजउत्तर प्रदेश

सभी लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाना सुनिश्चित हो- सीएमओ।

स्वास्थ्य विभाग ने 10 से 28 अगस्त तक प्रस्तावित एमडीए अभियान को सफल बनाने की अपील किया।

महराजगंज।जनपद में 10 अगस्त से चलने वाले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम एमडीए अभियान के उद्देश्य को प्राप्त करने में मीडिया सहयोगियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फाॅर एडवोकेसी एंड रिसर्च सीफार संस्था के सहयोग से शुक्रवार को नगर के एक रैस्टोरेंट में मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजित की गयी।

इस मौके पर सम्बोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉo नीना वर्मा ने कहा “फाइलेरिया रोग के समूल उन्मूलन के लिए सभी लाभार्थियों को फाइलेरिया से बचाव की दवाएं खिलाना सुनिश्चित किया जाये।मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने मीडिया सहयोगियों से कहा कि फाइलेरिया रोग की गंभीरता को मीडिया के माध्यम से जन-समुदाय में अधिक से अधिक प्रचारित किया जाए ताकि लोग इस गंभीर बीमारी के बारे में सही और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकें ।

लोग इतने जागरूक हो सकें कि फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करके इस रोग से खुद को और अपने परिवार को बचा सकें । उन्होंने नियमित टीकाकरण कार्यक्रम, क्षय उन्मूलन और कुष्ठ उन्मूलन जैसे कार्यक्रमों में भी मीडिया से निरंतर सहयोग करने की अपेक्षा की।इस मौके पर वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने बताया की जनपद में अब तक 281 हाथीपांव और 80 हाइड्रोसील रोगियों को चिन्हित किया गया है।

इस सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम में जनपद में 28.99 लाख लक्षित लाभार्थियों को इस गंभीर बीमारी से बचाने के लिए 5305 स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से बूथ लगा कर एवं घर-घर जाकर इन दवाओं का सेवन सुनिश्चित करवाया जाएगा। दवाओं का वितरण बिल्कुल भी नहीं किया जायेगा । इन दवाओं का सेवन खाली पेट नहीं करना है । दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को ये दवायें नहीं खिलाई जाएगी। डॉo प्रसाद ने कहा कि फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं । हालांकि इन दवाओं का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है। फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं। तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं । ऐसे लक्षण इन दवाओं के सेवन के उपरांत शरीर के भीतर परजीवियों के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं । सामान्यतः ये लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते हैं। परंतु ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम आरआरटी भी बनाई गई है । आवश्यकता पड़ने पर आरआरटी को उपचार के लिए तुरंत बुलाया जा सकता है । पाथ संस्था की प्रतिनिधि डॉo नाहिदा ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि फाइलेरिया विश्व में दीर्घकालिक दिव्यांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण है । हाथीपांव के नाम से प्रचलित यह बीमारी हो जाने पर इसका सम्पूर्ण इलाज नहीं हो पाता है। रोग से प्रभावित अंग के साफ सफाई और व्यायाम से इसे सिर्फ नियंत्रित किया जा सकता है । ऐसे में अगर एमडीए अभियान के दौरान पांच साल तक लगातार साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया जाए तो इस गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है । इस बार एमडीए के दौरान दवा खिलाने के बाद अंगुली पर निशान भी बनाया जाएगा ताकि सभी तक दवा का सेवन सुनश्चित किया जाए ।कार्यक्रम का संचालन स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी भागवत सिंह ने और आभार ज्ञापन जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉo केपी सिंह ने किया । इस अवसर पर स्थानीय मीडिया सहयोगियों के अलावा जनपद के चिकित्सा ,स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारी, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, और सीफार संस्था के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे ।मीडिया से मिला आश्वासन जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब के अध्यक्ष अजय कुमार श्रीवास्तव ने मीडिया की तरफ से स्वास्थ्य विभाग को आश्वस्त किया कि एमडीए कार्यक्रम के दौरान पूरा पूरा सहयोग मिलेगा । उन्होंने कार्यक्रम के दौरान मिली विस्तृत जानकारी के लिए विभाग का आभार भी जताया ।इस मौके पर उपस्थित जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब के अध्यक्ष अजय कुमार श्रीवास्तव गणेश पटेल नीरज श्रीवास्तव संतोष कुमार शर्मा, शैलेश पांडेय, विजय शर्मा, विवेक जायसवाल उमेश गुप्ता विश्वामित्र मिश्रा अंगद शर्मा, गिरिधर सिंह अमृत जयसवाल, मार्तण्ड गुप्ता ,राकेश प्रजापति आदि।

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