होली खेलने के लिए करें हर्बल रंगों का प्रयोग ।

महराजगंज । होली रंगों का त्योहार है, जो खुशी ,प्रेम, शांति और भाईचारे के प्रतीक है। होली खेलने के लिए प्राकृतिक और जैविक रंगों का उपयोग करें। बाजारों से केमिकल युक्त कृत्रिम रंगों के उपयोग से बचें। उक्त बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ श्रीकांत शुक्ला ने कही। उन्होंने कहा कि केमिकल युक्त या कृत्रिम रंग किसी भी व्यक्ति के त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते है। जब होली खेलने निकलें तो त्वचा पर कोई तैलीय क्रीम या तेल लगा कर निकलें, ताकि त्वचा पर रंगों का विपरीत असर न पड़े। सीएमओ ने कहा कि होली का त्योहार आपसी भाईचारे के साथ मनाया जाना चाहिए, सौहार्दपूर्ण वातावरण में होली का त्योहार मनाने से आपसी मेल मिलाप बढ़ता है। होली के दिन हुड़दंग नहीं किया जाना चाहिए। मतलब होली खेलते समय इस बात पर जरूर ध्यान होना चाहिए कि रंग में भंग न पड़ने पाएं।
होली पर क्या न करें:
– किसी के ऊपर कीचड़ न फेंके।
– किसी के ऊपर पानी या रंग भरा गुब्बारा न फेंके।
– वाहन चलाने वाले व्यक्ति के ऊपर पानी ,रंग या कीचड़ आदि न फेंके।
– किसी के चेहरे पर पेंट न पोतें।
– किसी भी व्यक्ति से वाद विवाद न करें।
– किसी की भावनाओं को आहत न करें।
– बड़ों का अपमान न करें।
– दूसरों के बारे में बुरा बोलने से बचें।
– सिल्वर चमकीले रंग का इस्तेमाल न करें ।
– खुले में खाना खाने से बचें।
– गंदे हाथों से खाना खाने से बचें ।
कैसे मनाएं होली:
– गुलाल, फूल व साफ पानी का प्रयोग करें।
– सबसे पहले अपने ईष्ट को रंग लगाएं ।
– अपने प्रिय जनों के साथ होली खेलें।
– गुलाल के साथ होली खेलें ।
– हल्का भोजन करें। पर्याप्त पानी पिएं।