एईएस मरीजों की करें त्वरित एवं पर्याप्त उपचार ।

महराजगंज । जेई एईएस के तहत पीडियाट्रिक , मिनी पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट पीकू तथा मिनी पीकू और इंसेफलाटिस ट्रीटमेंट सेंटर ईटीसी से जुड़े चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को मंगलवार को प्रशिक्षित किया गया । जिला क्षय रोग केन्द्र के सभागार में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वीबीडी कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल अधिकारी अधिकारी व एसीएमओ डाॅ. प्रदीप कुमार ने कहा कि सेंटर पर आने वाले हाई ग्रेड फीवर के मरीजों को त्वरित और पर्याप्त उपचार की सुविधा प्रदान करें। उन्होंने बताया कि हाई ग्रेड फीवर के मरीजों को सेंटर में भर्ती करके एक फार्म पर केस डिटेल भरें। ईटीसी एवं अन्य सेंटर पर रोस्टर के हिसाब से प्रशिक्षित चिकित्सक और स्टाॅफ उपस्थित रहें। सेंटर पर सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध रखें। सभी आवश्यक उपकरण क्रियाशील रखें। साथ ही सभी सामग्री और रजिस्टर अपडेट रखें। मरीज को भर्ती करने के बाद गाइडलाइन के हिसाब से इलाज शुरू करें। डिप्टी सीएमओ डाॅ केपी सिंह ने बताया कि यदि यह पुष्ट हो जाए कि मरीज एईएस से पीड़ित है तो एईएस रजिस्टर पर अंकित किया जाए। केस का विवरण मेडिकल आफिसर द्वारा भरा जाना चाहिए। एईएस की पुष्टि होने के बाद अंतर्विभागीय समन्वय के साथ मरीज के गांव में निरोधात्मक एवं बचाव कार्य शुरू किया जाना चाहिए। झाड़ियों की कटाई, नाली की सफाई, एंटी लार्वा का छिड़काव, फागिंग, सुअर पालकों का संवेदीकरण, जेई टीकाकरण कराया जाना चाहिए। लोगों को साफ सफाई पर ध्यान देने, शौचालय का प्रयोग करने तथा स्वच्छ पेयजल का सेवन करने के लिए जागरूक किया जाए।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में डाॅ पवन सिंह, डाॅ.अंशु सिंह, डाॅ. वैभव चौधरी, डाॅ आश्रय सिंह, मलेरिया विभाग के जिला परामर्शदाता कालेश्वर चौधरी, प्रीती मिश्रा स्टाॅफ नर्स प्रमुख रूप से मौजूद रहे।