श्रीलंका, मलेशिया व म्यांमार के पर्यटकों ने विश्व शांति के लिए किया विशेष पूजा-अर्चना।

नसरुल्लाह अंसारी की रिपोर्ट
कुशीनगर।भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में आज कल प्रतिदिन सैकड़ों की तादात में विदेशी पर्यटक पहुंचकर संस्कृति और पुरातात्विक इतिहास से रू-ब-रू हो रहे हैं। उनके आगमन से कुशीनगर में चहल-पहल बढ़ गई है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक मुख्य महापरिनिर्वाण मंदिर, रामाभार स्तूप व मांथा कुंवर मंदिर में पहुंचकर भगवान बुद्ध की विशेष पूजा अर्चना कर रहे हैं। आने वाले पर्यटक बौद्ध परिपथ स्थलों के भ्रमण व दर्शन करने के लिए कुशीनगर पहुंच रहे हैं।
सोमवार करीब 4.30 बजे श्रीलंका के 54 बौद्ध श्रद्धालुओं ने मुख्य महापरिनिवार्ण मंदिर में छठवीं शताब्दी लेटी भगवान बुद्ध की प्रतिमा को शीश नवाकर दर्शन किया। विशेष पूजा-अर्चना व चीवर चढ़ाया। दूसरा मलेशिया का ही चार सदस्यीय बौद्ध अनुयायियों का दल करीब चार बजे पहुंचा। जहां भगवान बुद्ध की मांथा कुंवर मंदिर में भू स्पर्श मुद्रा में प्रतिमा की पूजा अर्चना किया।
इसके अलावा म्यांमार के चार सदस्यीय विशिष्ट बौद्ध धर्मावलंबियों ने मुख्य महापरिनिवार्ण मंदिर में की विशेष पूजा अर्चना। विश्व शांति के लिए नवाया शीश। इनमें भव्य स्तूप परिसर में फोटो भी खिंचवाई। विदेशी पर्यटकों का यह दल भगवान बुद्ध की जन्मस्थली से लेकर सभी महत्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण कर रहे हैं। इस दौरान बौद्ध श्रद्धालु ओ ने भगवान बुद्ध के पथ गमन मार्ग से लेकर परिनिर्माण तक की जानकारी ली।
चीवर व फूल बेचने वालों का लग जा रहा जमावड़ा:-
कुशीनगर भगवान बुद्ध का दर्शन करने वाले पर्यटकों के पहुंचने पर चीवर व फूल बेचने वालों की उनके इर्द-गिर्द जमावड़ा लग जा रहा।
पर्यटकों के मना करने के बावजूद उनके नजदीकी पहुंचकर हाथ से मुख तक लेकर फूल व चीवर पहुंच जाते हैं। इससे पर्यटकों को असहज महसूस होता है, लेकिन इसकी निगरानी न तो पर्यटन पुलिस और न ही चौकी पुलिस ही करती। उन्हें इससे कोई लेना-देना नहीं है। कभी-कभी सुबह शाम पहुंचकर देख लेते हैं। लेकिन यहां पर्यटकों का आगमन हर समय होता रहता है।