मनरेगा श्रमिकों को तीन माह से नहीं मिली मजदूरी,आक्रोश।
परसामलिक।नौतनवा ब्लॉक अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों के जॉब कार्ड धारक मनरेगा में काम करने के बाद मनरेगा श्रमिक करीब तीन माह से मजदूरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। मजदूरी की रकम उनके खाते में न आने से आगामी दिवाली का त्योहार फीका हो सकता है।
ग्रामपंचायतों में श्रमिकों का पलायन रोकने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम की शुरुआत हुई थी। शुरुआत में तो इसके अच्छे परिणाम रहे। रोजी-रोटी के लिए शहरों की तरफ पलायन करने वाले मजदूरों को गांव में ही काम मिलने लगा था, लेकिन अब स्थितियां इसके विपरीत हो गईं हैं। इसकी प्रमुख वजह समय से श्रमिकों को मजदूरी नहीं मिलना है।नौतनवा ब्लॉक अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों में हुए मनरेगा कार्यों के बाबत लगभग 3 माह बाद भी मजदूरी श्रमिकों के खाते में रकम नहीं आने से श्रमिको को परेशानियां बढ़ गई है।मजदूरी भुगतान समय से नही होने पर त्योहारी सीजन में उनके सामने आर्थिक दिक्क़ते बनी हुई है जिसको लेकर मजदूरों में आक्रोश व्याप्त है। मनरेगा से श्रमिकों का मोहभंग का एक प्रमुख कारण मजदूरी का कम होना भी है। बाजार में श्रमिकों को प्रतिदिन करीब 310 रुपये मिलते हैं वही राजगीर को तकरीबन 560 रुपये मिल जाते हैं। जबकि मनरेगा में काम करने पर श्रमिकों को 230 रुपये और राजगीरों को 480 रुपये ही दिए जाते हैं।