मदरसा विद्यार्थियों ने शिक्षक दिवस पर पेश किया बड़ा तोहफा़ ।

नसरुल्लाह अंसारी की रिपोर्ट
कुशीनगर।शिक्षक दिवस पर पुरे भारत में विद्यार्थियों द्वारा तरह तरह के तोहफे पेश किए जाते हैं और ये माना जाता है कि शिक्षक सिर्फ स्कूल या मदरसों में नहीं बल्कि घर पर भी मौजूद होते हैं जैसे बचपन में सब कुछ सीखाने वाले वालिदैन होते हैं जैसे – बोलना, पढ़ना, अदब करना, बड़ों की बात मानना वगैरह। लेकिन जब मां-बाप से दूर हो कर शिक्षा की तलाश में कोई जाता है तो वहां जो शिक्षक होते हैं वो पिता के मानिंद होते हैं और शिक्षा देने के मामले में भी बड़ी भूमिका निभाते हैं। ऐसे ही एक मामला है जो कुशीनगर के थाना सेवरही के अंतर्गत तमकुही रोड में स्थित मदरसा दारूल इशाअत का है। मदरसा दारुल इशाअत के दर्से हिफ्ज़ के पुरे विद्यार्थियों ने अपने शिक्षक (उस्ताज़) हज़रत हाफिज़ व क़ारी ज़िकरुल्लाह साहब को व मौलाना ग़ुलाम मुस्तफा मिस्बाही को भी कई तरह के तोहफे पेश किए और यौमे असात्ज़ा की मुबारकबाद पेश करते हुए उस्ताज़ मोहतरम क़ारी साहब को लम्बी उम्र की दुआ दिए और दुनिया व आख़िरत की ढेर सारी नेअ्मतों से नवाज़ने की दुआ दिए। जिसमें हाफिज़ हामिद रज़ा, हाफ़िज़ बेलाल, हाफिज़ इमामुद्दीन, हाफिज़ अशरफ, मु० रिज़वान रज़ा, मु० मासूम रज़ा, मु० लुक़मान रज़ा, मु० तौसीफ रज़ा, मु० दानिश रज़ा , मु० ओवैस रज़ा, साहब अहमद व अन्य दीगर विद्यार्थी मौजूद रहे, ये पुरी जानकारी हाफ़िज़ रज़ा हुसैन के द्वारा ली गई है।