महराजगंज

कालाजार से बचाव के लिए पहले चरण का छिड़काव शुरू

तीनों मजरों के 1846 घरों के 8073 कमरों में छिड़काव का लक्ष्य

महराजगंज ।कालाजार से बचाव के लिए पहले चरण का अंदरूनी विशिष्ट छिड़काव और जनजागरूकता सहित अन्य निरोधात्मक कार्रवाई शुरू जिले में शुरू कर दी गयी है। कालाजार प्रभावित दो ब्लाॅक के दो ग्राम पंचायतों में से नौतनवा ब्लाॅक के अमहवां गांव में छिड़काव पूरा हो चुका है। अब सदर ब्लाॅक के धनेवा-धनेई के तीन मजरों पर छिड़काव शुरू कर दिया गया है। यहां भी छिड़काव 22 मई तक पूरा करा लिया जाएगा। इस छिड़काव के करीब 12,670 की आबादी कालाजार के वाहक बालू मक्खी से सुरक्षित हो सकेगी।अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि कालाजार के मरीजों को त्वरित जांच व उपचार देने, प्रभावित गांवों में छिड़काव और निरोधात्मक कार्य के लिए मलेरिया विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को दिशा निर्देश मिला है।उन्होंने संबंधित ग्राम पंचायतों की आशा कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि छिड़काव के दौरान ग्रामीणों की स्क्रीनिंग भी करें। यदि किसी व्यक्ति में कालाजार के लक्षण दिखे तो उसकी जांच कराएं। जांच किट जिले में उपलब्ध है।जिला मलेरिया अधिकारी त्रिभुवन चौधरी ने बताया कि जिले में कालाजार प्रभावित दो ब्लाॅक के गांव हैं। इनमें सदर ग्राम पंचायत धनेवा-धनेई के तीन मजरे सुकठिया, मंगलपुर और धनेवा-धनेई व नौतनवाा ब्लाॅक ग्राम पंचायत अमहवां शामिल हैं। सबसे पहले नौतनवा ब्लाॅक के ग्राम पंचायत अमहवां में छिड़काव पूरा करा लिया गया है। सदर ब्लाॅक में छिड़काव कराया जा रहा है ।जिला मलेरिया परामर्शदाता कालेश्वर चौधरी ने बताया कि छिड़काव के लिए छह श्रमिकों की एक टीम लगायी गयी है।

छिड़काव से पहले छिड़काव श्रमिकों तथा आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। घरों के सभी कमरों तथा गोशालों में छह फीट की ऊंचाई तक छिड़काव कराया जाता है। इस कार्य में गांव की आशा कार्यकर्ता का भी सहयोग लिया जा रहा है। आशा कार्यकर्ता द्वारा छिड़काव के एक से दो दिन पहले ही ग्रामीणों को सूचना दे दी जाती है। जिन लोगों द्वारा छिड़काव के प्रति उदासीनता बरती जाती है ,उनको समझा कर तथा छिड़काव से फायदे बता कर उनके घरों में छिड़काव कराया जा रहा है।

कालाजार को जानिए:
कालाजार बालू मक्खी के काटने से होता है। यह मक्खी नमी वाले स्थानों पर अंधेरे में पाई जाती है।इसके काटने से लोग बीमार हो जाते हैं। उन्हें बुखार होता है जो रूक रूक कर चढ़ता उतरता है। पेट फूल जाता है।

दस कमरों में हुआ छिड़काव
धनेवा-धनेई के टोला सुकठिया निवासी अरूण कौशल ( 38) ने बताया एक दिन पहले सूचना मिली थी कि गांव में छिड़काव होगा। घर से खाने पीने वाला सामान निकाल कर बाहर कर देना है या अच्छी तरह से ढक देना है, ताकि ठीक से छिड़काव हो सके। छिड़काव कर्मियों ने बताया कि यह छिड़काव कालाजार से बचाव के लिए कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके घरों के सभी दस कमरों में छिड़काव कराया जा चुका है।

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