कर्बला पर ताजिया हुआ दफन ।

पनियरा ।क्षेत्र में मोहर्रम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है यह पहली तारीख से शुरू हुआ दसवीं तारीख को ताजिया कर्बला पर लाकर फातिहां पढ़कर दफन किया गया।बड़े ही धूमधाम व शांति से निकला ताजिया चप्पे चप्पे पर पुलिस रही तैनात ताजिया के आगे आगे डीजे पर हजरत हसन हुसैन के दास्तान का बयान होता रहा और खिलाड़ियों द्वारा कर्तब दिखाया जा रहा था ।
इस जूलूस में नगर पंचायत पनियरा के अटकहिया अखाड़ा,पनियरा गांव अखाड़ा,पनियरा रेंज अखाड़ा,बभनौली अखाड़ा,रजौड़ा अखाड़ा,बरगदवां अखाड़ा के कलाकारों ने खूब अपने अपने कर्तव दिखाते हुए कर्बला तक गये । क्षेत्र के नगर पंचायत पनियरा,अटकहिया,धंगरहवा,बरगदवां,झुलनीपुर,बड़वार,बसडीला,सहित ग्राम सभा रजौड़ा,बभनौली आदि जगहों की ताजिया पनियरा कर्बला पर आकर दफन हुई और लोग फातिहां पढ़ कर दुआएं मांगी।
इस्लामिक कलेन्डर के हिसाब से पहला महिना शुरू होता है इसी महीने में चांद देखने के बाद मोहर्रम का चांद माना जाता है जो पहली तारीख से शुरू होता है और दस तारीख को मोहर्रम का पर्व कर्बला पर ताजिया दफन होने के बाद लोग कर्बला पर फातिहां पढ़ते हैं और चालीस दिन में चालिसा मनाकर पर्व समाप्त हो जाता है।यह महीना बहुत ही खैरो बरकत का महीना है इस महीने में दस दिन रोजा रखना शवाब है है जो रमजान महीने के रोज़े के बाद अफजल रोजा है वह आसूरा का रोजा है यानि दशवीं मोहर्रम का रोजा है।इस महीने में रोजा रखकर कुर्आन की तिलावत की जाती है और गरीबों पर विशेष ध्यान दिया जाता है क्योंकि इस्लाम जिंदा रखने के लिए हज़रत हसन हुसैन ने अपने पूरे परिवार के साथ अपने सर को कर्बला के मैदान में कटा दिया लेकिन इस्लाम जिंदा रखा इसलिए हज़रत हसन हुसैन के याद में मोहर्रम का पर्व मनाया जाता है । इस पर्व को हिन्दू
मुस्लिम सभी मिलकर मनाते हैं और मन्नतें मानते हैं ।यह पर्व हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक है।इस अवसर पर सभासद प्रतिनिधि जलालुद्दीन अंसारी,हैदर अली,सभासद रमजान अली,अकबर अली,इबरार अंसारी,शाह अनवर ,बक्शीष खां, बिस्मिल्लाह शेख,तौहीद अली,गुलाम वारिस,रज्जाक अली, मुहम्मद ईशा अंसारी,नसरुद्दीन,काजू सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
असहद अंसारी की रिपोर्ट