दो माह से मनरेगा मजदूरी नहीं मिलने से श्रमिक परेशान ।
नौतनवा ब्लॉक अंतर्गत विभिन्न पंचायतों में मनरेगा योजना की ओर से संचालित विकास कार्यों में लगे मनरेगा मजदूरों को लगभग दो माह से मजदूरी का भुगतान नही होने के कारण मजदूरों के समक्ष इन दिनों विकट स्थिति पैदा हो गई है। मजदूरी का भुगतान नही होने के कारण मजदूरों को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है।नौतनवा विकास खंड अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों में हुए मनरेगा कार्यों के बावत दो महिनों से मजदूरों के खातों में राशि नहीं पहुंची है। जिसके कारण मजदूर रोज बैंक का चक्कर लगा रहे हैं और मायूस होकर घर लौट रहे है। शादियां एवं अन्य कार्यक्रम होने कई ग्रामीण मजदूर इसी पैसे पर निर्भर हैं, वही मजदूरी नहीं मिलने से उन्हें आर्थिक समेत अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मजदूरों का कहना है की लेट लतीफी भुगतान के कारण साहुकारों से ब्याज पर पैसा लेकर अपना कार्य करना पड़ रहा है। बता दे की बीते 16 नवंबर तक का पैसा मजदूरों के खाते में आए है। मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों का मजदूरी दो माह बाद भुगतान नहीं होने से मजदूरों के घर रोटी के लाले पड़े हुए हैं सबसे ज्यादा दिक्कत तो संबंधित ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों की है। चुकी काम तो ग्राम प्रधान ने करवाया है तो मजदूर तो मजदूरी के बारे में उन्हीं से पूछेंगे कि क्यों नहीं आ रहा है कई ग्राम प्रधानों ने बताया कि दो महीने से पैसा नहीं आने से मजदूर परेशान है और इस ठंड के मौसम में सुबह ही कई मजदूर हम लोगो के घर पहुंच जा रहे है पूछने कि मजदूरी कब आयेगा। गांव के अधिकतर ग्रामीणों की जीविका मजदूरी पर ही टिकी रहती है खान पान से लेकर दवाई तक मजदूरी पर ही टिकी रहती है अब हम लोग कितना मदद कर पाएंगे। मनरेगा योजना में नियम है कि दो सप्ताह के अंदर मजदूर की मजदूरी उसके खाते में चली जानी चाहिए लेकिन नियम का कोई मायने नहीं दिखाई दे रहा है। मजदूरों का कहना है की अगर मजदूरी भुगतान का यही हाल रहा तो कोई भी आदमी मनरेगा योजना में काम ही नहीं करेगा।
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