मनरेगा कागजों में चल रहा काम, धरातल पर मजदूर घर बैठ कर रहे आराम।
फर्जी आनलाइन हाजिरी भर प्रधान व रोजगार सेवक कर रहे मोटी कमाई।

परसामलिक।केंद्र की मोदी व सूबे की योगी सरकार मनरेगा योजना के तहत गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार मुहैया कराने का हर संभव प्रयास कर रही है, ताकि जरूरतमंदों का गांव में रोजी-रोटी का जुगाड़ हो और वो शहरों की ओर पलायन न करें, लेकिन कुछ जिम्मेदार लोग ही सरकार की इस मंशा में अवरोध कर मनरेगा मजदूरों का हक मारकर अपनी तिजोरियां भर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला नौतनवा विकास खंड अंतर्गत ग्रामसभा विषखोप में देखने को मिला जहां ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को गुमराह कर पोखरी खुदाई कार्य में कार्यस्थल पर बिना मजदूरों की उपस्थिति के कई दिनों तक फर्जी आनलाइन हाजिरी लगा जारी मास्टररोल भरा गया। ग्रामसभा विषखोप में स्थित पेड़रहवा पोखरी के खुदाई कार्य के लिए दिनांक 14 जून 2023 से 27 जून 2023 तक वर्कआईडी संख्या 3152001037/ WC /958486255823374608 पर मास्टररोल जारी कराया गया था। ब्लॉक कर्मियों की उदासीनता की वजह से ग्रामप्रधान व रोजगार सेवक द्वारा 16 जून तक बिना उक्त कार्य को कराए ही प्रतिदिन जारी मस्टररोल के सापेक्ष ऑनलाइन मजदूरों की हाजिरी भरी गई।ग्रामीणों को जानकारी होने के बाद आनन फानन में 17 जून से काम चालू कराया गया। रोजगार सेवक द्वारा उच्चाधिकारियों को गुमराह करते हुए प्रतिदिन उक्त कार्य में कम मजदूर लगा अधिक मजदूरों की घर बैठे ही कूट रचित तरीके से फर्जी हाजिरी लगाई गई।वही 26 और 27 जून को बिना कार्य कराए ही फर्जी आनलाइन हाजिरी लगा दी गई।कार्यस्थल पर लगाया जाने वाला सिटिजन इन्फार्मेशन बोर्ड जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से नदारद है। सूत्रों की मानें तो मनरेगा मजदूरी की पूरी मॉनीटरिंग के लिए जनपद, ब्लॉक स्तर और ग्राम पंचायत स्तर पर कर्मचारी हैं । लेकिन, यह सभी मोबाइलों से फीडबैक लेकर निगरानी करते हैं। बस इसीलिए मनरेगा मजदूरी का इतना बड़ा फर्जीवाड़ा आसानी से हो जाता है।अब देखना यह लाजिमी होगा की उच्चाधिकारियों द्वारा उक्त कार्यस्थल का निरिक्षण कर धांधली में संलिप्त कर्मियों व जनप्रतिनिधियों पर कार्यवाही कब की जाती है।