चेतना के रहस्यमय क्षेत्र में प्रवेश का माध्यम है योग

नसरूल्लाह अंसारी की रिपोर्ट
कुशीनगर।मन के पार चेतना के अबूझ क्षेत्र में प्रवेश कराकर योग शरीर एवं आत्मा तथा मन में आनंद एवं स्फूर्ति तथा शांति की अनुभूति कराने वाली भारतीय विद्या है योग, जिससे परम तत्व का साक्षात्कार एवं दैहिक एवं आत्मिक संतुलन स्थापित कर मनुष्य को ऊर्जावान बनाया जा सकता है उक्त उद्गार सनातन विश्वदर्शन मंदिर रामकोला धाम के प्रांगण में आयोजित विशाल योग शिविर को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक मदन गोविन्द राव ने प्रकट किया,
श्री राव ने कहा की वात, कफ एवं पित्त के असंतुलन से काया रोग ग्रस्त होती है लेकिन योगिक क्रियाएं आसन एवं व्यायाम के माध्यम से न केवल हार्मोन के संतुलन को ठीक करती है बल्कि आत्मा, मन एवं बुद्धि में तारतम्य पैदा कर लोगों को पूर्ण मनुष्य में तब्दील करती है
योग शिविर में आचार्य केदार कुशवाहा एवं योग शिक्षिका सुश्री रागिनी ने विभिन्न मुद्राओं एवं आसनों एवं प्राणायाम का प्रत्यक्ष अभ्यास कराया तथा योग क्रियाओं से शरीर एवं मन पर पड़ने वाले प्रभाव एवं लाभों से अवगत कराया, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, कपालभांति, सर्वांगासन, मंडुप आसन सहित दर्जनों आसनों को सहज एवं सरल तरीके से अभ्यास कराया
योग शिविर के प्रारंभ में पूर्व विधायक मदन गोविन्द राव, आरएसएस के जिला प्रचारक कुमार मनीष, नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी अम्बरीष कुमार सिंह,राजेंद्र ब्रह्मचारी एवं स्वरूपानंद बाबा ने ब्रह्मलीन भगवानानंद महाराज के चित्र पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलन किया
योग शिविर के आयोजक सत्यपाल गोविन्द राव ने भारी बरसात के बाद भी बड़ी तादाद में योग शिविर में उपस्थित महानुभावों का आभार प्रकट किया
मंदिर के व्यवस्थापक स्वामी रंगनाथ महाराज ने सब को आशीर्वाद प्रदान किया, योग शिविर में श्री प्रदीप गोयल, नीरज गोयल, सुर्य प्रताप, पूर्व चेयरमैन महेंद्र प्रसाद गोंड, मनोज सिंह एडवोकेट, चन्द्रहास सिंह,फतेह बहादुर दुबे, संजीव सिंह एडवोकेट, ऋषिकेश पांडे, उमेश तिवारी, दिनेश यादव सहित व्यवसायी , कर्मचारी, वकील चिकित्सक, आदि ने शिरकत किया तथा अंत में दिव्य प्रसाद ग्रहण किया