महराजगंज

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा दिया जा रहा पानी नहीं, सिर्फ स्तनपान का संदेश ।

महराजगंज ।घर-घर घूम कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता धात्री महिलाओं को पानी नहीं, सिर्फ स्तनपान का पाठ पढ़ा रहीं हैं । इस दौरान धात्री महिलाओं को स्तनपान के फायदे बताकर कम से छह माह तक स्तनपान का महत्व समझाया जा रहा हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा जिले में अलग-अलग तरीकों से धात्री महिलाओं को छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान तथा छह माह बाद अनुपूरक आहार के साथ दो साल तक स्तनपान जारी रखने की सलाह दी जा रही है।ग्राम पंचायत रूदलापुर की निवासी सरिता 21 ने बताया कि उनकी बच्ची तीन माह की है। वह बच्ची को कभी कभी दवा के साथ पानी पिला देतीं थीं । आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ज्योति सिंह घर पर आईं, हालचाल पूछा, बच्ची का माप और वजन भी लिया। उन्होंने पूछा कि बच्ची को अपने दूध के अलावा कुछ और तो नहीं देती हैं। उन्हें दवा के साथ पानी पिलाने की बात बताया उन्होंने छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराने की ही सलाह दी। उन्होंने कहा कि छह माह तक बच्ची को मां के दूध के अलावा कुछ भी नहीं देना है। छह माह बाद बच्ची का अन्नप्राशन होगा। उसके बाद से मुलायम आहार के साथ दो साल तक स्तनपान जारी रखना होगा।बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश कुमार ने बताया कि ‘पानी नहीं, केवल स्तनपान अभियान’ पहली मई से चलाया जा रहा है । जो 30 जून तक चलेगा। इस अभियान के दौरान गर्भवती और धात्री महिलाओं को बताया जा रहा है। कि शिशु के लिए मां का दूध सर्वोपरि और सर्वोत्तम आहार है। यह उसका मौलिक अधिकार है। शिशु के सर्वागीण विकास के लिए मां का दूध ही उसका पहला आधार होता है। नवजात को जन्म के एक घंटे के अंदर मां का दूध और बच्चे को छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराने से कई तरह की बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। सभी पोषक तत्वों की पूर्ति भी होती है। शिशु को दूध पिलाने से पहले और बाद में साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

अभियान के दौरान आयोजित की जा रही गतिविधियां

-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा एवं एएनएम, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा धात्री महिलाओं (0-6) के घर पर संयुक्त भ्रमण एवं केवल स्तनपान पर परामर्श
-प्रत्येक छाया वीएचएसएनडी सत्र पर 0-6 माह तक की आयु के शिशुओं की माताओं व अभिभावकों को पानी नहीं, केवल स्तनपान की जानकारी।
-लाभार्थी बैठकों, सामुदायिक बैठकों , स्वयं सहायता समूहों की बैठकों में केवल स्तनपान पर परामर्श,
-ग्राम स्तरीय रैली का आयोजन, धात्री महिलाओं के घर का भ्रमण आदि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

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