बढ़ा सर्विलांस तो गिरा संचारी रोगों से मौतों का ग्राफ ।
महराजगंज । जब जिले में सर्विलांस बढाया गया तो संचारी रोगों से मौतों का ग्राफ गिरने लगा। पूरे जिले में जागरूकता बढ़ा कर संचारी रोगों को काबू में किया गया। इसके लिए शासन, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर सघन संचारी रोग नियंत्रण माह और दस्तक पखवाड़ा मनाया । जहां कहीं संचारी रोगों से जुड़े मरीज मिले विभाग ने त्वरित निरोधात्मक कार्रवाई शुरू कर दी। लोगों को साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने के जागरूक किया। उक्त जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ.श्रीकांत शुक्ला ने बताया कि जब महराजगंज सहित पूर्वांचल में इंसेफलाटिस जैसी जानलेवा बीमारी से नौनिहाल काल के गाल में समाने लगे तो प्रदेश सरकार ने इसे काबू में करने के लिए बीड़ा उठाया, फिर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने भी कमर कस लिया। सर्विलांस और जागरूकता के हथियार से संचारी रोगों पर वार करना शुरू किया। नतीजा यह मिला कि वर्ष 2020 के बाद से संचारी रोगों का ग्राफ गिरने लगा। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. केपी सिंह ने बताया कि चाहे जेई एईएस हो या डेंगू या अन्य कोई संचारी से जुड़े कोई मरीज जिस किसी गांव में मिलता है । तो त्वरित निरोधात्मक कार्रवाई शुरू कर दी जाती है। ग्रामीणों को जागरूक किया जाता है। आवश्यक दवाएं दी जाती हैं। फागिंग छिड़काव तक कराया जाता है। स्वास्थ्य विभाग की टीम नियमित सर्विलांस भी करती है। इन जागरूकता अभियान और सर्विलांस के चलते ही संचारी रोगों का ग्राफ गिर रहा है। संचारी रोगों को काबू में करने के लिए स्वास्थ्य विभाग सतत प्रयत्नशील है। शासन प्रशासन के निर्देशों को पालन करते हुए प्रभावी ढंग से अभियान चलाया जाता है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी और स्वास्थ्य कर्मी तन मन से लगे रहते हैं।
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जेईएस की वर्षवार स्थिति
वर्ष —– ग्रसित—मृत्यु
2020–185—-12
2021—177—-9
2022—-85—-4
2023—–85—–2
2024—–40—-0
जेई की वर्षवार स्थिति
2020—6——-1
2021–12—–2
2022–12—–1
2023–38——0
2024–22——0
मलेरिया की वर्षवार स्थिति
2020—–0—–0
2021—-6—–0
2022—-8—–0
2023—-4—–0
2024—-4—-0
डेंगू की वर्ष स्थिति
2020—-2——0
2021—-34—-0
2022—-45—–0
2023—-52—-0
2024—-47—-0
चिकनगुनिया की वर्षवार स्थिति
2020—–6——0
2021—–5—–0
2022—–6—–0
2023—–5—–0
2024—–7—–0
स्क्रबटाइफस की वर्षवार स्थिति
2020—-2——–0
2021—-3——–0
2022—-2——–0
2023—-4——–0
2024—–28—–0
फाइलेरिया की स्थिति
2020—–536—–0
2021—–351—–0
2022——410—-0
2023——20——0
2024——-117—-0
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चार साल बाल मिला लेप्टोस्पायरोसिस का केस
डां सिंह ने बताया कि जिले में सर्विलांस बढ़ा तो चार साल बाद वर्ष 2024 में लेप्टोस्पायरोसिस के 14 केस मिले हैं।
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वर्ष 2020 के बाद कालाजार का नहीं मिला कोई केस
डिप्टी सीएमओ डाॅ श्री सिंह ने बताया वर्ष 2020 के बाद जिले में कालाजा का कोई मरीज नहीं मिला. वर्ष 2020 में कालाजार के दो मरीज मिले थे. उसके बाद संबंधित गांव छिड़काव करवाया जाता है. कालाजार बालू मक्खी के काटने से होता है।