मरीजों के लिए काफी उपयोगी साबित हो रही जिला अस्पताल की डायलिसिस सुविधा ।
वर्तमान में 13 बेड पर करीब 39 मरीजों का किया जाता है डायलिसिस

महराजगंज ।जनपद में किडनी के क्रानिक मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। अब मरीजों के लिए जिला अस्पताल में डायलिसिस की सेवा काफी उपयोगी, सुलभ और सुविधाजनक साबित हो रही है । वर्तमान में सभी तेरह बेड पर डायलिसिस की जाती है। कोई मरीज वेटिंग में नहीं है।नोडल अधिकारी व वरिष्ठ चेस्ट फिजीशियन डॉ रंजन कुमार सिंह ने बताया कि जिला संयुक्त चिकित्सालय में डायलिसिस की यूनिट की स्थापना मार्च 2022 में किया गया। शुरुआती दौर में तो डायलिसिस कराने वाले मरीजों की संख्या कम होती थी,कुछ मरीज निजी चिकित्सालयों की सेवा लेते रहे। इस बीच महराजगंज स्थित एक निजी अस्पताल में डायलिसिस की सेवा ठप हो गयी तो जिला अस्पताल में मरीजों का दबाव बढ़ गया उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल का डायलिसिस यूनिट पहले दस बेड का था बाद में तीन बेड और बढ़ाया गया ।.अब तेरह बेड पर प्रतिदिन 36 से 39 मरीजों का ही डायलिसिस हो पाता है। एक मरीज का डायलिसिस करने में करीब चार घंटे का समय लगता है।
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तीन शिफ्ट में होती है डायलिसिस
पहला शिफ्ट 7 से 11 बजे तक
दूसरा शिफ्ट 12 से 4 बजे तक
तीसरा शिफ्ट 5 से 9 बजे तक
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जिला अस्पताल से मिल रही काफी राहत ।
फरेंदा क्षेत्र के ग्राम महदेवा निवासी आलोक रंजन 24 ने बताया कि जिला अस्पताल में डायलिसिस कराने पर बहुत राहत मिल रही है। यहां नि:शुल्क सेवा है। दो साल से डायलिसिस करा रहे आलोक रंजन ने बताया कि पहले गोरखपुर में एक निजी अस्पताल में डायलिसिस करा रहे थे तो प्रति डायलिसिस 1500 रुपये लगते थे. बाद में महराजगंज के एक निजी अस्पताल से कराना शुरू किया तो वहां भी 12 से 15 सौ रुपये लगते थे.आठ माह पहले जब आयुष्मान कार्ड बन गया तो पैसा नहीं लगता था ।. लेकिन जब से उस निजी अस्पताल में सेवा ठप हुई. इसके बाद करीब एक माह से जिला अस्पताल में डायलिसिस हो रही है। यहां नि:शुल्क व्यवस्था है। इससे बहुत राहत मिल रही है।
267 मरीजों की हो चुकी है 14401 बार डायलिसिस
डायलिसिस प्रबंधक राजनाथ त्रिपाठी ने बताया कि मार्च 2022 से शुरू हुए डायलिसिस सेंटर पर 28 अगस्त 2024 तक 267 लोगों की 14401 बार डायलिसिस हो चुकी है।
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” क्रोनिक किडनी डिजीज के मरीजों का ही डायलिसिस कराया जाता है। डायलिसिस कराने वाले मरीजों में से 40 फीसद मरीजों का सप्ताह में तीन बारह तथा 60 फीसद मरीजों का सप्ताह में दो बार डायलिसिस की जाती है। बीच में यदि किसी मरीज की स्थिति गंभीर होती है, तो उसे भी सेवा दी जाती है।
डाॅ रंजन कुमार सिंह नोडल अधिकारी व चिकित्सक
‘ डायलिसिस कराने वाले सभी मरीजों को बेहतर सेवा देने के लिए जिला अस्पताल प्रशासन सदैव तत्पर रहता है। डायलिसिस कराने वाले मरीजों के शरीर में सात ग्राम डीएल खून होना जरूरी है। इससे कम खून रहनेवाले पर मरीज को चिकित्कीय सलाह लेने को कहा जाता है। “