सरकार के तमाम दावों और प्रयासों के विपरीत स्वास्थ्य सुविधाएं सुधरने का नाम नहीं ले रहा नाम ।
अम्बेडकर नगर। सरकार के तमाम दावों और प्रयासों के विपरीत स्वास्थ्य सुविधाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। निजी अस्पताल संचालकों तथा आशा कार्यकत्रियों के गठजोड़ से सरकारी अस्पतालों में जाने की बजाय गर्भवती महिलाएं इनके चंगुल में फंसकर अपना पैसा लुटा रही हैं। ताजा मामला वायरल विडिओ के जरिये जलालपुर कस्बे के रामगढ़ रोड पर संचालित कुसुम मेटरनिटी अस्पताल से सामने आ रहा है। बीते महीने जलालपुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मसौढ़ा निवासी पिंटू की गर्भवती पत्नी लक्ष्मी को प्रसव पीड़ा होने पर आशा कार्यकत्री पुष्पा मौर्या की सलाह पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगपुर लाया गया। स्वास्थ्य केंद्र से महिला को रेफर करने की बात कह कर उसे कस्बे के कुसुम मेटरनिटी सेंटर एवं अस्पताल में ले जाकर बारह हजार रूपये में नार्मल डिलीवरी कराने का आश्वासन दे गर्भवती को वहां भर्ती कराया गया। स्वयं आशा द्वारा उस निजी अस्पताल में पहुंचकर महिला के परिजनों और डॉक्टर से बातचीत की गई और सब कुछ सामान्य बताते हुए नॉर्मल डिलीवरी का भरोसा दिलाया गया। कुछ समय बाद प्रसव जटिलता हवाला देकर ऑपरेशन की बात कही गई तथा जांच आदि के नाम पर सोलह हजार रूपये जमा करवा लिया गया। डिलीवरी होने के पश्चात डिस्चार्ज करते समय अस्पताल द्वारा छब्बीस हजार रुपए शेष बिल पकड़ा दिया गया जिसको देखकर परिजनों के होश उड़ गए। नव प्रसूता ने बताया कि इसके पहले उसके तीनों बच्चों का जन्म सामान्य तरीके से हुआ था। उसका पति मेहनत मजदूरी कर किसी तरह से अपना पेट पालता है। परिजन आशा कार्यकत्री पुष्पा मौर्या को कोसते हुए अस्पताल संचालक डॉ सूर्यनाथ से बिल कम करने की गुहार लगाते रहे किन्तु ना मानने पर किसी तरह सगे संबंधियों से पैसे उधार लेकर नव प्रसूता को नवजात संग डिस्चार्ज कराया गया। उल्लेखनीय है कि हॉस्पिटल पहले से ही कुख्यात रहा है।इस संबंध में सीएमओ डॉक्टर राजकुमार ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।