उत्तर प्रदेश

बच्चे के लिए मां के दूध के साथ अनुपूरक आहार जरूरी ।

आंगनबाड़ी केन्द्र इमिलिया पर आयोजित हुआ अन्नप्राशन दिवस ।

महराजगंज ।बच्चे के लिए माँ के दूध के साथ अनुपूरक आहार जरूरी है। छह माह बाद गुणवत्तापरक अन्नप्राशन से बच्चे सुपोषित होते हैं। ऐसे में छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराने के बाद मां के दूध के साथ अनुपूरक आहार की शुरुआत करें। अनुपूरक आहार की शुरुआत मुलायम आहार से करें। छह माह से लेकर दो वर्ष तक के बच्चों के लिए स्तनपान और अनुपूरक आहार साथ साथ आवश्यक है। यह बातें बाल विकास परियोजना सदर की मुख्य सेविका सीमा दुबे ने आंगनबाड़ी केन्द्र इमिलिया पर मंगलवार को आयोजित अन्नप्राशन दिवस के मौके पर कहीं। उन्होंने केन्द्र पर आए दानिश 8 माह और जैसमिन 7 माह को हलुवा खिलाकर उनका अन्नप्राशन कराया।उन्होंने बताया कि छह माह बाद मां के दूध के साथ दिया जाने वाला आहार अनुपूरक आहार कहलाता है। छह माह बाद शिशु को पोषण की आवश्यकता बढ़ जाती है। बच्चे की मानसिक, शारीरिक एवं सामाजिक विकास में ऊपरी आहार आवश्यक होता है। इससे बच्चे सेहतमंद होते हैं। बच्चों के स्वस्थ रहने से परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक रहती है।

अन्नप्राशन कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रब्बुलनिशा और कनकमंजरी ने विशेष योगदान दिया।जैसमिन की मां उर्मिला 32 ने बताया कि मुलायम आहार के साथ अनुपूरक आहार की शुरुआत करनी है। अनुपूरक आहार के साथ दो साल तक स्तनपान कराते रहने, एक समय में एक फ्लेवर का आहार देने, भूख लगने के पर बच्चे को दूध तथा अनुपूरक आहार देते रहने की सलाह दी गयी। कार्यक्रम में बच्चे के भूख के संकेत के बारे में भी जानकारी दी गयी। दानिश की मां शायदा 25 ने बताया की बच्चे के लिए अलग कटोरी चम्मच रखने के लिए बताया गया। बच्चे को दूध पिलाने का तौर तरीका अभ्यास करके बताया गया। कितनी उम्र में कितना आहार देना है । उसके बारे में भी विस्तार से बताया गया। समय-समय पर बच्चे का टीकाकरण कराते रहने की भी सलाह दी गयी।

कब देना है कितना अनुपूरक आहार

-छह माह पूरे होने पर दो से तीन चम्मच गाढ़ा मसला हुआ मुलायम आहार जो आसानी से निगला जा सके। जैसे खिचड़ी, खीर, हलवा, मसली दाल।

-7 से 8 मास आयु वर्ग में तीन बार 250 ग्राम की कटोरी से हर बार आधी कटोरी, मसला हुआ मुलायम आहार । जैसे खिचड़ी, दलिया, खीर, हलवा।

-9 से 11 माह आयु वर्ग में तीन से चार बार 250 ग्राम की कटोरी से हर बार पौन कटोरी। पतला बारीक कटा एवं मसला हुआ खाना जो बच्चा स्वयं हाथ से उठा कर खा सके। जैसे खिचड़ी , दलिया,मसला हुआ फल, केला, आम, पपीता, दाल, सब्जी में रोटी

12-24 माह आयु वर्ग में चार से पांच बार। 250 ग्राम की कटोरी से हर बार पूरी कटोरी। घर में बनने वाला खाना। खिचड़ी, दलिया, खीर, हलवा, दूध, दाल, केला, आम, पपीता, अंडा, सब्जी

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