महराजगंजउत्तर प्रदेश

किसान गोष्ठी में किसान भाइयों के साथ हुआ संवाद ।

महराजगंज । जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा की अध्यक्षता और पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीना की सहअध्यक्षता में विकास भवन सभागार में आयोजित किसान गोष्ठी में किसानों के साथ सार्थक संवाद किया गया। गोष्ठी का उद्देश्य कृषि से जुड़ी चुनौतियों, आधुनिक तकनीकों, विभागीय योजनाओं तथा पराली प्रबंधन को लेकर किसानों को जागरूक करना था। कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को कृषि से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने पराली प्रबंधन पर विशेष जोर दिया। किसानों को बताया कि पराली जलाना न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी नुकसान पहुंचाता है। इसके विकल्प के रूप में बेलर मशीन, रोटावेटर तथा कंप्रेस कटर जैसे आधुनिक उपकरणों के उपयोग की जानकारी दी। बैठक में श्रीअन्न मिलेट्स के महत्व पर चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने बताया कि श्रीअन्न न केवल स्वास्थ्यवर्धक हैं बल्कि जलवायु परिवर्तन के दौर में कम पानी और कम उर्वरक में भी उत्कृष्ट उत्पादन देते हैं। जैविक गुणों से भरपूर होने के कारण इनकी मांग स्थानीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक तेजी से बढ़ रही है। किसानों को श्रीअन्न के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन की संभावनाओं से अवगत कराया तथा उन्हें इसके तहत उपलब्ध कराई जा रही विभागीय योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
पुलिस अधीक्षक ने पराली को लेकर किसानों को न जलाने की अपील की और कहा कि अगर पराली जलती है तो पुलिस कार्यवाही होगी। पुलिस और प्रशासन लगातार अनुरोध कर रहें हैं कि पराली न जलाएं।
गोष्ठी में उर्वरक उपलब्धता को लेकर भी चर्चा हुई। किसानों को आश्वस्त किया गया कि जिले में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। टोकन व्यवस्था के लागू होने से अराजक तत्वों पर लगाम लगी है। किसानों से अनुरोध किया गया कि टोकन के साथ ही उर्वरक लेने जाएं। इस अवसर पर सभी किसानों से फॉर्मर रजिस्ट्री भी कराने का अनुरोध किया गया। साथ ही कृषि यंत्रीकरण, फसल विविधीकरण, मुख्यमंत्री किसान सहायता योजनाएं, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और बाजार सुविधा सहित विभिन्न योजनाओं की जानकारी विस्तृत रूप से साझा की गई। संवाद के दौरान किसानों ने अपनी समस्याएं भी रखीं। उपस्थित अधिकारियों ने सभी मुद्दों को गंभीरता से सुना और मौके पर ही उनके निस्तारण हेतु संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। गोष्ठी के उपरांत जिलाधिकारी द्वारा सेमरा राजा में बेलर द्वारा पराली के बंडल निर्माण के कार्य का स्थलीय अवलोकन भी किया गया। उन्होंने पराली से बंडल निर्माण की प्रक्रिया। क्षमता और लागत क विषयों में किसान जनार्दन पटेल से जानकारी ली तथा स्थानीय किसानों को पराली प्रबन्धन की इन आधुनिक तकनीकों को अपनाने की सलाह दी। जिलाधिकारी ने उपनिदेशक कृषि को जनपद में सभी बेलर को पूरी क्षमता में क्रियाशील करने का निर्देश दिया। कहा कि पराली प्रबन्धन की इन आधुनिक तकनीकों को किसानों में ज्यादा से ज्यादा लोकप्रिय बनाए जाने का प्रयास करें। गोष्ठी में जिला विकास अधिकारी बी.एन. कन्नौजिया, एलडीएम बी.एन. मिश्रा, एआर कोऑपरेटिव सुनील गुप्ता, जिला कृषि अधिकारी एस.पी. सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी और प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।

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