महराजगंजउत्तर प्रदेश

सारनाथ के भंते चंदिमा महाथेरो ने किया हरमंदिर खुर्द में भव्य बुद्ध विहार व पुस्तकालय का लोकार्पण ।

महराजगंज । फरेन्दा क्षेत्र की ग्राम पंचायत हरमंदिर खुर्द में सोमवार को बौद्ध सम्मेलन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें सारनाथ के बौद्ध भिक्खु चंदिमा महाथेरो ने बौद्ध धर्म को मानवता वादी और आडम्बर से मुक्त धर्म बताया। उन्होंने गांव में बुद्ध विहार और पुस्तकालय का भी लोकार्पण किया।
जानकारी के मुताबिक हरमंदिर खुर्द के भंते उत्तमनन्द द्वारा गांव में ही स्वयं के खर्च से स्वयं की भूमि पर एक बुद्ध विहार और पुस्तकालय का निर्माण कराया है। सोमवार को बौद्ध समाज के लिए ऐतिहासिक क्षण उस समय आया जब सोमवार को गांव में भव्य बुद्ध विहार और पुस्तकालय का लोकार्पण विधिवत रूप से किया गया। यह लोकार्पण सारनाथ से पधारे पूज्य भिक्खु चंदिमा महाथेरो के कर-कमलों द्वारा संपन्न हुआ। इस मौके पर गांव सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में बौद्ध अनुयायी, भिक्षुगण, उपासक और ग्रामीण जन उपस्थित रहे।
इस बुद्ध विहार में तथागत गौतम बुद्ध और संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाओं की स्थापना की गई है, जिनका अनावरण भी लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ किया गया। विशेष पूजा-अर्चना, त्रिशरण पंचशील, धम्म वंदना और भिक्षुओं द्वारा पाली भाषा में मंगल पाठ का आयोजन किया गया, जिससे पूरा वातावरण भक्ति और शांति से भर उठा। इस महत्वपूर्ण परियोजना के निर्माणकर्ता हरमंदिर खुर्द के निवासी भंते उत्तमनन्द हैं, जिन्होंने स्ववित्त से इस बुद्ध विहार और पुस्तकालय का निर्माण कराया है। भंते उत्तमनन्द ने बताया कि उन्होंने यह कार्य समाजसेवा और धम्म प्रचार के उद्देश्य से किया है। उनका उद्देश्य है कि गांव के गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को निःशुल्क पठन-पाठन की सुविधा दी जा सके। इस पुस्तकालय में धम्म साहित्य, संविधान, इतिहास और बच्चों की पढ़ाई से संबंधित पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी।
कार्यक्रम में भंते उत्तमनन्द ने कहा कि समाज में परिवर्तन शिक्षा और जागरूकता से ही संभव है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे बुद्ध के धम्म के मार्ग पर चलकर समाज में शांति, करुणा और समता की भावना का प्रचार करें। उन्होंने यह भी बताया कि यह विहार न केवल धार्मिक स्थल होगा, बल्कि यह एक शैक्षिक और सामाजिक क्रांति का केंद्र बनेगा। कार्यक्रम का संचालन जितेन्द्र राव ने किया।
इस अवसर पर भन्ते धम्मवीर, बुद्ध रतन, महानाम, धम्मपाल, जितेंद्र राव, श्रवण कुमार पटेल, महेंद्र कुमार, डॉ राहुल, प्रताप नरायन गौतम आदि

 

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