उत्तर प्रदेशमहराजगंज

रानी अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी स्मृति संगोष्ठी आयोजित, जीवन आदर्शों को अपनाने का आह्वान ।

महाराजगंज। सोमवार को सदर विकास खंड सभागार में रानी अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी जन्म स्मृति संगोष्ठी का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद जय प्रकाश निषाद ने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रानी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन नारी सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय और राष्ट्र निर्माण की अमिट प्रेरणा है। वे एक सामान्य परिवार से थीं, लेकिन अपने आदर्श नेतृत्व, धार्मिक पुनर्जागरण और समाज सुधार के माध्यम से भारतीय इतिहास में उन्होंने एक विशिष्ट स्थान बनाया। इसी प्रेरणा को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से संगोष्ठी का आयोजन हुआ है। पूर्व सांसद जय प्रकाश निषाद ने रानी अहिल्याबाई होल्कर को भारत की सांस्कृतिक चेतना और नारी शक्ति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई ने शासन संचालन में प्राचीन मूल्यों और आधुनिक दृष्टिकोण का अद्भुत संतुलन प्रस्तुत किया। उन्होंने काशी विश्वनाथ, सोमनाथ जैसे प्रमुख मंदिरों का जीर्णोद्धार कर धार्मिक धरोहरों के संरक्षण में अमूल्य योगदान दिया। साथ ही विधवा पुनर्विवाह को बढ़ावा देना, महिला शिक्षा को प्रोत्साहित करना और समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ निर्णायक कदम उठाना, उनके शासन के ऐतिहासिक पहलुओं में शामिल हैं। विशिष्ट अतिथि केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं जब समाज सुधारकों ने निजी कठिनाइयों के बावजूद समाज को नई दिशा दी। रानी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन भी ऐसा ही उदाहरण है, जो तीन शताब्दियों तक भारतीय इतिहास के पन्नों में अपेक्षाकृत गुमनाम रहा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने यह संकल्प लिया है कि ऐसे महान व्यक्तित्वों को जनमानस तक पहुंचाया जाए, ताकि युवा पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सके। सदर विधायक जय मंगल कन्नौजिया ने कहा कि जब भी नारी सशक्तिकरण की बात होती है, तो रानी अहिल्याबाई का जीवन हमारे सामने आदर्श रूप में खड़ा होता है। उन्होंने सिद्ध किया कि अगर किसी स्त्री में संकल्प, विवेक और धर्मपरायणता हो, तो वह समाज और राष्ट्र दोनों की दिशा बदल सकती है। भाजपा जिलाध्यक्ष संजय पांडेय ने कहा कि रानी अहिल्याबाई जनसेवा और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की जीवंत प्रतिमूर्ति थीं। उन्होंने मुगलों द्वारा क्षतिग्रस्त काशी विश्वनाथ और सोमनाथ मंदिर जैसे कई प्रमुख धार्मिक स्थलों का पुनरुद्धार करवाकर भारत की सांस्कृतिक अस्मिता को पुनर्स्थापित किया। उन्होंने बताया कि रानी अहिल्याबाई ने अपने शासनकाल में सख्त दहेज विरोधी कानून बनाए और नारी शिक्षा के लिए विशेष प्रयास किए।उन्होंने कहा कि रानी अहिल्याबाई होल्कर न केवल एक कुशल शासिका थीं, बल्कि सर्व समाज की मां के रूप में पूजनीय थीं। इसीलिए उनकी 300वीं जन्म जयंती को सर्व समाज के साथ मिलकर मनाया जा रहा है और उनके जीवन से जुड़े आदर्शों को घर-घर पहुंचाने का संकल्प लिया जा रहा है।
संगोष्ठी में प्रमुख प्रतिनिधि इंजीनियर विवेक गुप्ता, राम हरख गुप्ता, प्रधान संघ अध्यक्ष रमेश सिंह, जिला उपाध्यक्ष अमरनाथ पटेल, जिला महामंत्री ओम प्रकाश पटेल ने भी रानी अहिल्याबाई के बहुआयामी व्यक्तित्व और योगदान पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर संगोष्ठी मे मंडल अध्यक्ष टाइगर तिवारी, हेमंत गुप्ता, अशोक पटेल, विजय गौड़, दिनेश जायसवाल, राम प्रीत गुप्ता, मनोज जायसवाल, पूर्व जिला मंत्री प्रदीप उपाध्याय, डीसीएफ चेयरमैन अशोक तिवारी, वीरेंद्र चौहान, अरविंद मौर्य, श्रीनाथ शर्मा, अनीता देवी, श्री मति, कंचन देवी, आशा देवी, मुन्नी देवी सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता एवं नागरिक सम्मिलित हुए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
.site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}