उत्तर प्रदेशमहराजगंज

फाइलेरिया जांच के लिए होगा नाइट ब्लड सर्वे, बनेगी रक्त पट्टिका ।

महराजगंज । फाइलेरिया की जांच के लिए नाइट ब्लड सर्वे होगा। यह सर्वे 19 से 24 मई तक चलेगा। हर ब्लाॅक के दो गांवों से 600 लोगों प्रति गांव 300 की रक्त पट्टिका बनेगी। इस तरह से बारह ब्लाकों के 24 गांवों के 7200 लोगों की रक्त पट्टिका बनेगी। इसके लिए तिथिवार गांवों का रोस्टर तैयार कर लिया गया है। रक्त पट्टिका बनाने के लिए लैब टेक्नीशियन को प्रशिक्षित किया जा चुका है। 20 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों का रक्त पट्टिका बनेगी।
उक्त जानकारी डिप्टी सीएमओ डाॅ केपी सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक परिजीवी रोग है जो बुचेरिया ब्रोन्कफटाईे एवं बी.मलाई के कारण होता है । जब क्यूलेक्स ग्रुप की मादा मच्छर फाइलेरिया ग्रस्त व्यक्ति का रक्त चूसने के बाद किसी स्वस्थ मनुष्य का रक्त चूसती है तो उस व्यक्ति में भी इस रोग का संक्रमण हो जाता है। यह रोग शरीर के लटकने वाले अंगों को प्रभावित करता है। जो हाइड्रोसील अथवा हाथीपांव का शिकार बना देता है। हाथीपांव हो जाने से जिंदगी बोझ बन जाती है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ0 नीलोत्पल कुमार ने बताया कि फाइलेरिया कि रोकथाम के लिए ही नाइट ब्लड सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे के दौरान रात्रि के समय खून का सैंपुल लिया जाता है। रात्रि के समय ही खून में फाइलेरिया के परजीवी सक्रिय होते है। जिससे नाइट ब्लड सर्वे में सही रिपोर्ट का पता चल पाता है। सहायक जिला मलेरिया अधिकारी अनिल चौरसिया बताया कि नाइट ब्लड सर्वे के लिए हर ब्लाॅक से दो गांव लिए गए हैं। जिसमें से एक सेंटीनल (फिक्स तथा एक रेंडम गांव लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि बुखार, बदन में खुजली की समस्या होती है। पैरों और हाथो में सूजन, हाथीपांव और हाइड्रोसील फाइलेरिया के लक्षण है। फाइलेरिया हो जाने के बाद धीरे-धीरे गंभीर रूप लेने लगता है।

 

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