जिलाधिकारी द्वारा गोआश्रय स्थल का रात के अंधेरे में किया गया आकस्मिक स्थलीय निरीक्षण, अधिकारियों में हड़कंप।

महराजगंज । जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा द्वारा शनिवार की रात को अचानक अस्थाई गो-आश्रय स्थल चेहरी तथा कान्हा उपवन महराजगंज का आकस्मिक निरीक्षण किया गया।
आकस्मिक निरीक्षण के बाद से जिले के अधिकारियों में हड़कंप है। जिलाधिकारी द्वारा शनिवार की रात लगभग 10 बजे अचानक अस्थाई गौआश्रय स्थल चेहरी पहुंचे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पशु शेड, भूसा भंडार कक्ष, वर्मी कंपोस्ट पिट आदि का अवलोकन किया। निरीक्षण के समय दो ब्लाक में कुल 52 गोवंश संरक्षित पाये गये। निरीक्षण के समय उपस्थित कर्मचारी गोवंश रजिस्टर, स्टाक पंजिका व निरीक्षण पंजिका प्रस्तुत नही कर सका ।, जिसपर जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई। निरीक्षण के समय हरे चारे की उपलब्धता पर्याप्त नहीं थी, जिसपर जिलाधिकारी ने पर्याप्त मात्रा में हरे चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु कड़ा निर्देश दिया। मौके पर उपस्थित कर्मी द्वारा जिलाधिकारी को बताया गया कि गो-आश्रय स्थल में स्थापित सोलर लाईट लगभग दो माह से खराब है। साथ ही सीसी टीवी भी निरीक्षण के समय क्रियाशील नहीं पाया गया। इस संदर्भ जिलाधिकारी ने फटकार लगाते हुए खण्ड विकास अधिकारी सदर को सोलर लाईट ठीक कराकर तथा सीसी टीवी क्रियाशील कराकर 03 दिन के अन्दर सूचित करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने बीडीओ सदर को गो-आश्रय स्थल का समय-समय पर आकस्मिक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने हेतु निर्देशित किया।
इसके उपरांत जिलाधिकारी ने कान्हा उपवन चिउरहा का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय एक कर्मचारी अनुपस्थित मिला, जबकि 02 कर्मी उपस्थित मिले। जिलाधिकारी के पूछने पर उपस्थित कर्मियों ने बताया कि पैर में चोट लगी है जिसकी दवा कराने गये हैं। निरीक्षण के समय दो ब्लाक में कुल 106 गोवंश संरक्षित पाये गये। यहां पर भी हरे चारे की उपलब्धता नहीं पाई गई। साथ ही सीसीटीवी कैमरा भी लगा नहीं पाया गया। जिलाधिकारी के द्वारा अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद महराजगंज को तत्काल कान्हा हाउस पर सीसीटीवी कैमरा स्थापित कराने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि कान्हा हाउस का संचालन निर्धारित मानकों के अनुरूप सुनिश्चित कराएं। जिलाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा कि नोडल अधिकारियों सहित अन्य अधिकारी जिनके द्वारा गो-आश्रय स्थल का निरीक्षण किया जाता है । निरीक्षण पंजिका में निरीक्षण टिप्पणी अवश्य अंकित करें। टिप्पणी में चेकलिस्ट के अतिरिक्त निरीक्षण के समय उपस्थित कर्मचारी का नाम, पदनाम, मौके पर पाये गये गोवंश, गो-आश्रय में बीमार गोवंश का अंकन अवश्य करें। गो-आश्रय में भूसा, हरा चारा, दाना, पेयजल की उपलब्धता के संबंध में भी टिप्पणी अंकित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि अधिकारी गो-आश्रय में विभिन्न व्यवस्थाओं को सुदृढ करने हेतु लोगो को दान के लिए प्रेरित करें। निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा रविवार, 25 मई को जनपद के सभी विकास खंडों और नगर निकायों में व्यापक स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाए जाने का निर्देश दिया गया। उनके निर्देश पर आज गोसदन मधवलिया सहित जनपद के समस्त 31 गोआश्रय स्थलों पर बीडीओ और ईओ के निर्देशन में व्यापक पैमाने पर सफाई अभियान चलाया गया। अभियान में गोआश्रय स्थल परिसर सहित पशु शेड, भूसा कक्ष आदि की सफाई की गई। इसके अलावा झाड़ियों की कटाई और चूना ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी किया गया। अभियान के दौरान गोवंशो को साफ किया गया। जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि गोवंश संरक्षण शासन की शीर्ष प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री की भी मंशा है कि गोशालाओं में साफ–सफाई के साथ–साथ पशुओं के लिए स्वास्थ्यवर्धक वातावरण सुनिश्चित करें। गर्मी को देखते हुए सभी गोआश्रय स्थलों पर पशुओं के लिए गर्मी से बचाव के इंतजाम भी करें। उन्होंने कहा कि गोवंश भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं और उनको स्वच्छ, सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक आश्रय स्थल उपलब्ध कराना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। इसलिए पशुपालन विभाग के साथ–साथ सभी बीडीओ और ईओ सुनिश्चित करें कि गोशालाओं में सभी जरूरी इंतजाम मौजूद हों। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को गोवंशो के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण हेतु निर्देशित किया। इससे पूर्व जिलाधिकारी ने जनपद में आने के साथ ही प्रत्येक गोशाला के लिए एक प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति कर सभी अधिकारियों को गोशालाओं के निरीक्षण का निर्देश दिया। उन्होंने सभी को निर्देश देते हुए कहा कि गोआश्रय स्थलों का नियमित निरीक्षण करते हुए गोशालाओं में साफ सफाई, गोवंश के लिए पोषक आहार सहित पर्याप्त भूसा व चारा आदि की उपलब्धता की सुनिश्चित करें। साथ ही केयर टेकर की भी उपस्थिति को भी सुनिश्चित कराएं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि जनपद में गोसदन मधवलिया के अतिरिक्त 02 वृहद गो संरक्षण केंद्र, 12 कांजी हाउस, 04 कान्हा हाउस सहित कुल 31 गो आश्रय स्थल हैं, जहां कुल 2079 गोवंश संरक्षित हैं। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार सभी गो आश्रय स्थलों में पशुओं के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। पशु चिकित्सकों द्वारा गोवंश का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाता है।