महराजगंजउत्तर प्रदेश

जिले के 3164 आंगनबाड़ी केन्द्र पर 3050 बच्चों को कराया गया अन्नप्राशन ।

महराजगंज ।प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार शुक्ला ने बताया कि संभव अभियान के दौरान जिले के 3164 आंगनबाड़ी केन्द्र पर मंगलवार को अन्नप्राशन दिवस भी मनाया गया। इस दौरान कुल 3050 बच्चों को मुलायम खाद्य पदार्थ खिलाकर अनुपूरक आहार की शुरुआत की गयी। इसी क्रम में सदर ब्लाॅक के आंगनबाड़ी केन्द्र सतभरिया पर तीन बच्चों जान्हवी 8 माह अंशुल 7 माह और सनी 7 माह को खीर खिलाकर उनका अन्नप्राशन कराया गया। ग्राम सतभरिया निवासी जान्हवी की दादी हेवंती 60 ने बताया कि उनकी बहू गर्भावस्था के दौरान से ही आंगनबाड़ी केन्द्र पर आती रहीं। प्रसव के बाद जब बच्ची जान्हवी आठ माह की हो गयी तो अन्नप्राशन के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नूरी पांडेय ने केंद्र पर बुलाया, हांलाकि बच्ची को पूरक आहार छह माह बाद से ही शुरू कर दिया गया था। उनके परिवार की बच्ची को खीर खिला कर अन्नप्राशन कराया गया। यह भी बताया गया कि दो साल तक अनुपूरक आहार के साथ स्तनपान भी जारी रखना है। निर्धारित मात्रा में ही कटोरी और चम्मच से आहार देना है।इसी गांव के अंशुल की दादी शांति देवी 48 तथा सनी की दादी ज्ञांती देवी 55 ने बताया कि उनके बच्चे पहली बार आंगनबाड़ी केन्द्र पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मीरा देवी के बुलाने पर आए हैं, जहां पर बच्चों को खीर खिलाकर अन्नप्राशन कराया गया। दोनों महिलाओं ने बताया कि कार्यक्रम में बताया गया कि बच्चे के लिए जन्म से छह माह बाद माँ के दूध के साथ अनुपूरक आहार भी जरूरी है। छह माह बाद गुणवत्तापरक अन्नप्राशन से बच्चे सुपोषित होते हैं। ऐसे में छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराने के बाद मां के दूध के साथ अनुपूरक आहार की शुरुआत मुलायम खाद्य पदार्थ जैसे खीर, खिचड़ी, हलवा या मसली हुई दाल से करने के लिए बताया गया। छह माह से लेकर दो वर्ष तक के बच्चों के लिए स्तनपान और अनुपूरक आहार साथ साथ देना आवश्यक है।सदर ब्लाॅक की मुख्य सेविका सीमा दुबे ने बताया कि जन्म के छह माह बाद मां के दूध के साथ दिया जाने वाला आहार अनुपूरक आहार कहलाता है। छह माह बाद शिशु को पोषण की आवश्यकता बढ़ जाती है। बच्चे की मानसिक, शारीरिक एवं सामाजिक विकास में ऊपरी आहार आवश्यक होता है। इससे बच्चे सेहतमंद होते हैं। बच्चों के स्वस्थ रहने से परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक रहती है।

अन्नप्राशन कार्यक्रम में सहायिका शांति देवी, विन्द्रा यादव, मुन्नी देवी, संगीता देवी, अंजनी, सरिता देवी और गुलाइचा देवी ने सहयोग किया।
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कब देना है कितना अनुपूरक आहार

-छह माह पूरे होने पर दो से तीन चम्मच गाढ़ा मसला हुआ मुलायम आहार जो आसानी से निगला जा सके। जैसे खिचड़ी, खीर, हलवा, मसली दाल।

-7 से 8 माह आयु वर्ग में तीन बार 250 ग्राम की कटोरी से हर बार आधी कटोरी, मसला हुआ मुलायम आहार । जैसे खिचड़ी, दलिया, खीर, हलवा।

-9 से 11 माह आयु वर्ग में तीन से चार बार 250 ग्राम की कटोरी से हर बार पौन कटोरी। पतला बारीक कटा एवं मसला हुआ खाना जो बच्चा स्वयं हाथ से उठा कर खा सके। जैसे खिचड़ी , दलिया,मसला हुआ फल, केला, आम, पपीता, दाल, सब्जी रोटी

12-24 माह आयु वर्ग में चार से पांच बार। 250 ग्राम की कटोरी से हर बार पूरी कटोरी। घर में बनने वाला खाना। खिचड़ी, दलिया, खीर, हलवा, दूध, दाल, केला, आम, पपीता, अंडा, सब्जी

 

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