रोजगार सेवकों को अक्टूबर माह से नहीं मिला वेतनमान ।
नौतनवा । विकास खंड में कार्यरत रोजगार सेवकों का बीते अक्तूबर माह से वेतन नहीं मिलने से दीपावली के बाद अब रंगों का त्यौहार होली भी फ़ीकी होने वाली है। मानदेय न मिलने से ग्राम रोजगार सेवक अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने में अपने आप को असहाय महसूस कर रहे हैं। मानदेय समय से न मिलने की वजह से कर्जदार हो गए हैं। इस होली में भी मानदेय नहीं मिलने से रोजगार सेवकों की चिंता और बढ़ गई है। चिंता है कि होली कैसे मनाएंगे। बच्चों का रंग गुलाब कहां से खरीदेंगे। मनरेगा कार्यों के सफल क्रियान्वयन के लिए दिसंबर 2007 – 08 में प्रत्येक गांव में ग्राम रोजगार सेवकों की भर्ती की गई थी। शासन की मंशा थी कि गांव में ही गरीब बेरोजगारों को रोजगार मुहैया होगा। नियुक्ति के समय रोजगार सेवकों का मानदेय बहुत ही कम था। लेकिन अब बढ़कर दस हजार रूपये हो गया है। इपीएफ कटौती के बाद महज 7788 ही उनको मानदेय के रूप में मिलता है, लेकिन ये मानदेय भी समय से नहीं मिलता। पिछले साल अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक पांच महीने का उनको मानदेय नहीं मिल पाया है। रोजगार सेवकों का मानदेय मनरेगा के प्रशासनिक मद से होता है। होली पर घर का खर्च बच्चों के कपड़े समेत जरूरी काम अटकने से रोजगार सेवक काफी मायूस दिखाई दे रहे है। हैं। रोजगार सेवक संघ ब्लॉक अध्यक्ष प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि समय से वेतनमान नहीं मिलने से पहले दीपावली खराब हुई अब होली भी फ़ीकी होने वाली है। होली में मानेदय की बड़ी उम्मीद थी। लेकिन निराशा हाथ लग रही है। महंगाई में परिवार का भरण- पोषण करना कठिन हो गया है। ग्राम रोजगार सेवक सिंटू सिंह, शोएब , मुकेश यादव, राम कुण्डल गुप्ता, दिग्विजय सिंह, चतुर्भुजा सिंह, बबलू, संदीप , असफर मलिक, धर्मराज, मोहन प्रसाद, उदयराज, शिवेश पाण्डेय, प्रदीप प्रजापति, मुहिम आदि ने बताया पिछले पांच माह का मानदेय नहीं मिलने से रोजगार सेवकों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। उन्होंने होली के पहले वेतनमान रिलीज कराए जाने की मांग की है जिससे होली का त्यौहार फ़ीका न पड़े।