भागवत कथा में श्री कृष्ण जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया
महराजगंज । फरेन्दा तहसील क्षेत्र के रामनगर टोला बनस्पति में हो रहा श्रीमद् भागवत कथा का नौ दिवसीय आयोजन चल रहा है कथावाचक अनूप पांडे द्वारा कृष्ण जन्मोत्सव पर प्रकाश डाला गया । भागवत कथा में श्री कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया श्रीमद् भागवत कथा में पांचवे दिन रवीवार को कर्मयोगी भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े आनंद और हर्षोल्लास के साथ धूम-धाम से मनाया गया। कंस के कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। भगवान कृष्ण जन्मोत्सव में नन्हें बालक ने भगवान कृष्ण का रूप धारण कर उपस्थित श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। इसमें उन्होंने श्री कृष्ण से संस्कार की सीख लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण स्वयं जानते थे कि वह परमात्मा हैं। इसके बाद भी वह अपने माता-पिता के चरणों को प्रणाम करने में कभी संकोच नहीं करते थे।
श्रीमद भागवत कथा के माध्यम से भागवत व्यास पर विराजमान पंडित अनूप पाण्डेय के मुखारविन्द से धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की महत्ता पर प्रकाश डाला। कहा कि जब-जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ा है, तब-तब प्रभु का अवतार हुआ है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। जब धरा पर मथुरा के राजा कंस के अत्याचार अत्यधिक बढ़ गए, तब धरती की करुण पुकार सुनकर श्री हरि विष्णु ने भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया। इसी प्रकार त्रेता युग में लंकापति रावण के अत्याचारों से जब धरा डोलने लगी तब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने जन्म लिया। प्रभु हमें समझाना चाहते हैं कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है। इसलिए असार यानी संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण संभव है। श्रोताओं में मुख्य रूप से रामवृक्ष यादव, बबलू यादव, अरविन्द यादव, हर्ष मिश्र, चन्द्रकेश यादव, पिन्टू यादव, ओम प्रकाश, पार्वती देवी, आरती देवी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।