रेबीज नियंत्रण के लिए प्रशिक्षित किए गए चिकित्सक और बीसीपीएम

महराजगंज । यदि किसी को कुत्ते या अन्य जंतु के काटने के बाद घाव उत्पन्न हो जाए तो बिना किसी विलंब के चिकित्सक के पास जाना चाहिए और रेबीज प्रतिरोधी टीके लगवाने चाहिए।
उक्त बातें अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राकेश कुमार ने सीएमओ कार्यालय सभागार में रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम को लेकर चिकित्सक और बीसीपीएम के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कुत्तों से फैलने वाले रेबीज को खत्म करना है। इस कार्यक्रम के तहत रेबीज से जुड़ी गतिविधियाँ की जाती है। प्रशिक्षक व डिप्टी सीएमओ डाॅ वीर विक्रम सिंह ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को रेबीज वायरस बीमारी के प्रभावों और इसे रोकने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि अगर कुत्ता या बिल्ली ने काट लिया है तो तत्काल घाव को धोना चाहिए। समय पर उचित उपचार से रेबीज से बचाव संभव है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रशिक्षण ले रहे सभी स्वास्थ्य कर्मी प्रशिक्षण में मिली बचाव सम्बंधी जानकारी जन समुदाय को भी शेयर करें ताकि कुत्ता के काटने के बाद पीड़ित लोग प्रारंभिक रोकथाम कर सकें। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षक डाॅ शाश्वत सेन गुप्ता, डाॅ रफीक एवं प्रीति मिश्रा ने भी टिप्स दिया ।प्रशिक्षण लेने वाले प्रशिक्षणार्थियों में चिकित्सक डॉ संदीप कुमार, डर पवन सिंह,डॉ वीके शुक्ला, डॉ जितेन्द्र कुमार, डॉ अमित राव गौतम,डॉ वैभव चौधरी, डॉ मनोज कुमार तथा बीसीपीएम में अमित कुमार, विनोद कुमार, महेन्द्र पटेल, कालिन्दी, मुद्रिका त्रिपाठी आदि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे ।