मुहम्मद साहब का जन्म धूम धाम से मनाया गया

असहद अली अंसारी की रिपोर्ट
पनियरा ।मुस्लिमो के मसीहा हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लाहुवोसल्लम के जन्म दिन पर मदरसा दारूल उलूम अरबिया हमीदिया अहले सुन्नत पनियरा खास के अध्यापकों व छात्र/छात्राओं ने प्रभात फेरी लगाया जो मदरसे से निकलकर पनियरा रेंज,पनियरा थाना ,आटकहिया गांव,धंगरहवआ गांव ,बरगदवां गांव होते हुए पनियरा कस्बा,बसडिला बाजार तक गया उसके बाद वापस आकर फातिहां पढ़ी गयी और देश की सलामती के लिए दुआएं मांगी गई।
हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लाहु वोसल्लम का जन्म 12 रबिअउव्वल सोमवार की सुबह हुआ था । उनके पैदाईश से पहले मुल्क में जब किसी के घर लड़की पैदा होती थी तो उसे जिन्दा दफन कर दिया जाता था तरह तरह की बुराईयां थी आपस में हमेशा लोग लड़ते झगड़ते थे पैदाईश के कुछ दिन बाद जब वह होस सम्हाले तो लोगों को समझाने लगे धीरे धीरे लोग उनकी बात मानने लगे लड़कियों को जिन्दा दफन करना बंद कर दिये उस समय जिस औरत का पति मर जाता था उस औरत को लोग बुरी निगाह से देखते थे और उसको प्रताड़ित करते थे उन्होंने 25 बर्ष की उम्र में एक बेवा हजरते खलीदा जो अरब की रहने वाली थी उसकी उम्र 40 बर्ष थी तो मोहम्मद साहब ने उससे शादी कर लोगों को संदेश दिया कि बेवा औरत से शादी करना शवाव का काम है ।धीरे धीरे उनके बताये रास्ते पर लोग चलना शुरू किये और उनको अपना गुरु मानने लगे । इसलिए हर बर्ष उनके जन्मदिन को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
बाईक जुलूस भी निकाला गया जो पनियरा ,अटकहिया,बसडिला, सीतापुर,बरगदवां,बड़वार ,धंगरहवा,रजौड़ा,बभनौली तक गया जिसमें मुस्लिम युवाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
इस मौके पर मदरसे के प्रबधक हासिम अंसारी, प्रधानाचार्य हाफिज व काली रमजान कादिरी, मौलाना नूरुल होदा, मौलाना असरफ अली नूरानी, मौलाना अलीमुद्दीन, मौलाना वकील, मौलाना कमालुद्दीन, हाफिज यासीन,मास्टर महताब खां,सहित तमाम मदरसे के अध्यापक व कर्मचारी मौजूद रहे । वहीं बाईक जुलूस में असलम अंसारी, जलालुद्दीन अंसारी, रमजान अली,शेर अली , नईम अहमद,हैदर अली,असरफ अली, मुहम्मद सकलैन अंसारी,मुफ्ती सहाबुद्दीन, जहीर के,सम्सेआलम,कमरे आलम ,जमकाल,ईशा अंसारी सहित तमाम लोग शामिल रहे।