महराजगंजउत्तर प्रदेश

महाविद्यालय में मनाया गया डॉ0 भीमराव अंबेडकर जी का परिनिर्वाण दिवस ।

मिठौरा ।इतिहास में अपनी बहुग्यता, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, लेखक और समाज सुधारक के रूप में स्वर्णाक्षरों में अंकित डॉ0 बाबा साहब भीमराव अंबेडकर हमें पथ प्रदर्शित करते रहेंगे। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री के साथ ही साथ भारतीय संविधान के जनक और भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल आफ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। जीवन के प्रारंभिक भाग में हुए अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवं वकालत भी की तथा बाद में इनका जीवन राजनीतिक गतिविधियों में अधिक बीता। हिंदू धर्म में व्याप्त कुरीतियों और छुआछूत की प्रथा से तंग आकर सन 1956 ईस्वी में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया था। जीवन प्रयत्न उन्होंने दलित समाज के उत्थान में संलिप्त रहे। मरणोपरांत सन 1990 में उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

उक्त बातें महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य लेफ्टिनेंट डॉ रामपाल यादव ने कही।
इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त शिक्षकगण, कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
उक्त सूचना महाविद्यालय के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ सरोज रंजन ने दी।

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