महराजगंजउत्तर प्रदेश

विश्व मधुमेह दिवस पर सीएमओ कार्यालय कक्ष में गोष्ठी का आयोजन ।

महराजगंज । मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो एक बार हो जाती है तो आजीवन बनी रहती है। जीवन शैली और आहार में सुधार करके मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसे मामले में नियमित जांच बहुत जरूरी है। मधुमेह से बचाव के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी जनसमुदाय के बीच गोष्ठी आयोजित की जानी चाहिए। उक्त बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ श्रीकांत शुक्ला ने अपने कार्यालय कक्ष में ‘ विश्व मधुमेह दिवस पर आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मधुमेह पहले अधिक उम्र के लोगों को होती थी, अब युवा और बच्चे दोनों चपेट में आ रहे हैं। इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से 14 नवम्बर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। मधुमेह से बचने के लिए अपने जीवन शैली में बदलाव लाने के साथ दवा लेना भी जरूरी है। अपर मुख्यचिकित्सा अधिकारी डाॅ. राकेश कुमार ने कहा कि मधुमेह होने पर शरीर में शुगर का स्तर जानने के लिए सबसे पहले जांच जरूरी है। मधुमेह की रोकथाम के लिए जीवन शैली में बदलाव और दवा का संयोजन शामिल है। उन्होंने कहा व्यायाम और स्वास्थ्य, कम वसा और कम कैलोरी आहार के माध्यम से शरीर के सही वजन को बनाए रखना जरूरी है। हाई सुगर या तले हुए खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सब्जियों फलों और अधिक फाइबर वाले पौष्टिक भोजन का सेवन करना चाहिए। नियमित रूप से चलते तथा शारीरिक रूप से सक्रिय रहना चाहिए। शरीर में शुगर की स्थिति की जांच कराते रहना चाहिए।
डिप्टी सीएमओ डाॅ.केपी सिंह ने कहा कि मधुमेह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। इसलिए मधुमेह के प्रबंधन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि निरंतर दवा और निगरानी के साथ कोई भी सामान्य जीवन जी सकता है। गोष्ठी में एसीएमओ डाॅ. प्रदीप कुमार, डीएमओ त्रिभुवन चौधरी, सतेन्द्र सिंह, कमलेश आदि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

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