पीएमएसएमए दिवस पर जांच तथा पंजीकृत केंद्रों पर नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड कराएं गर्भवती ।
महराजगंज । स्वास्थ्य विभाग ने जिले में मातृ स्वास्थ्य सेवा देने वाले सभी 37 पंजीकृत निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर सरकारी खर्चे से गर्भवती को सुविधा देने की व्यवस्था की है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ श्रीकांत शुक्ला ने पत्र भी जारी कर कहा है किए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पीएमएसएमए पर एएनसी चेकअप कराने वाली गर्भवती को आवश्यकता के अनुसार नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड की सुविधा मुहैया कराने के लिए जिला अस्पताल के अलावा जिले में निजी 37 अस्पताल पंजीकृत किया है। जहां पर ई-रूपी वाउचर क्यूआर कोड के आधार पर निःशुल्क अल्ट्रासाउंड किया जाता है। सीएमओ ने बताया कि महीने की एक, नौ, सोलह और चौबीस तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दौरान सरकारी अस्पतालों पर प्रसव पूर्व जांच करवाने वाली महिलाओं को ई रुपी वाउचर जेनरेट करके दिया जाता है । जिसके जरिये वह एक माह के भीतर न केवल जनपद के भीतर बल्कि योजना में पंजीकृत प्रदेश के किसी भी केंद्र से यह सुविधा प्राप्त कर सकती हैं। 12209 गर्भवती ने कराईं जांच,1448 मिली एचआरपी
सीएमओ ने बताया कि साल अप्रैल 2024 से अक्टूबर तक पीएमएसएमए दिवस पर 12909 गर्भवती जांच करा चुकीं हैं। इनमें कुल 1448 गर्भवती उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली चिन्हित की गयी हैं। गर्भवतियों में से 3910 गर्भवती को ई-रूपी वाउचर से अल्ट्रासाउंड कराने के लिए नजदीक के निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर को भेजा गया है। जिसमें से 2538 गर्भवतियां ई-रूपी वाउचर के आधार पर निःशुल्क अल्ट्रासाउंड सेवा का लाभ उठा चुकी हैं।
सरकारी अस्पताल पर जांच कराने पर मिलती है नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड की सुविधा
जिला कार्यक्रम प्रबंधक नीरज सिंह ने बताया कि निःशुल्क अल्ट्रासाउंड की यह सुविधा सिर्फ सरकारी अस्पताल पर जांच कराने वाली गर्भवती को दी जाती है। इस सेवा का लाभ लेने वाली गर्भवती 102 नंबर एम्बुलेंस से स्वास्थ्य केंद्र पहुंच सकताज्ञ हैं और इसके लिए भी उन्हें पैसे नहीं देने हैं। गर्भवती के पास सेवा लेते समय एक फोन मौजूद रहना चाहिए जिस पर ओटीपी आती है और उसकी मदद से सेवा मिल पाती है। आशा कार्यकर्ता की मदद से सभी गर्भवती इसका लाभ जरूर उठाएं।
मातृ शिशु सुरक्षा के लिए आवश्यक
सीएमओ का कहना है कि मातृ शिशु स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा में अल्ट्रासाउंड जांच की अहम भूमिका है। इससे निकलने वाली अल्ट्रासोनिक वेब से मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। बच्चे की ग्रोथ, गर्भ में उसकी स्थिति और गर्भाशय में लिक्विड की स्थिति समेत कई अहम जानकारियां अल्ट्रासाउंड जांच के जरिये ही मिल पाती हैं। सामान्य महिलाओं को पूरे गर्भावस्था काल में कम से कम चार बार जांच करानी चाहिए।