नहाए-खाए के साथ शुरू हुआ छठ महापर्व, उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ समापन ।
महराजगंज । फरेन्दा देश में सूर्य की उपासना का प्राकृतिक त्यौहार जो आज अपनी उपस्थिति ग्लोबल बना लिया है। इस महापर्व में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का विधान है। छठ का व्रत महिलाएं संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं । इस वर्ष यह महापर्व 5 नवंबर को नहाय खाय से शुरू होकर लेकर 7 नवंबर को सूर्य के अस्ताचल को दिया जाने वाली पहली अर्घ्य तक मनाया जाएगा 8 की सुबह सूर्य के आगमन को दिया जाने वाले अर्घ्य के साथ समाप्त हो जाएगा। चार दिन तक चलने वाले छठ पर्व की आज से शुरुआत हो रही है। छठ पर्व से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। आज भले ही इस पर्व को वैश्विक पहचान मिली हो लेकिन पहले बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ महापर्व प्रमुखता के साथ मनाया जाता था। आज भी इस पर्व की छठा यहीं देखने लायक होती है। मान्यता है कि कार्तिक मास में सूर्य अपनी नीच राशि में होता है, इसलिए सूर्यदेव की विशेष उपासना की जाती है। छठ महापर्व को प्रकृति पूजा भी कहा जाता है, इस पर्व के लोकगीत इसको जीवंत बनाते हैं।