महराजगंजउत्तर प्रदेश

कमीशन के चक्कर में हो रहा है भ्रष्टाचार ।

निचलौल । एक तरफ भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ निचलौल ब्लॉक में कार्यरत संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता और मिली भगत से भ्रष्टाचारी नित्य नए-नए तरीके ईजाद कर दावों पर पलीता लगाते दिखाई दे रहे हैं। निचलौल ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत टिकुलहिया का जहां मनरेगा योजना अंतर्गत कराए जाए कार्यों में सचिव, जेई व प्रधान की मिली भगत से घर बैठे मनरेगा श्रमिकों की फर्जी तरीके से सैकड़ों दिवस हाजिरी लगा जिम्मेदार भुगतान कराने के प्रयास में जुटे हुए है। जिम्मेदारों द्वारा समय समय पर ग्राम पंचायत द्वारा कराए जा रहे मनरेगा कार्यों की मॉनिटरिंग नही किए जाने की वजह से जमकर धांधली की जा रही है। ग्राम पंचायत टिकुलहिया में मनरेगा के तहत टिकुलहिया में वंशी के खेत से परागपुर सिवान तक चकबंद पर मिट्टी कार्य हेतु दिनांक 12 नवंबर 2024 से 25 नवंबर 2024 तक मस्टररोल जारी कराया गया है मस्टरोल चौदह दिन खत्म होने के बाद कोई कार्य नहीं हुआ। एनएमएमएस पोर्टल पर दूसरे चकबंद तो कही इंटरलॉकिंग का फोटो अपलोड कर लगातार चौदह दिन हाजिरी लगाया गया। जबकि ऑनलाइन 36 हाजिरी रोजाना लगाया गया। प्रधान सचिव द्वारा कूट रचित तरीके से कार्य की अवधि में कई दिनों तक घर बैठे श्रमिकों की फर्जी तरीके से सैकड़ों दिवस हाजिरी सृजित की गई है जबकि कार्यस्थल पर उक्त अवधि में मजदूरों ने काम ही नहीं किया है। वही इतने से प्रधान जिम्मेदार भ्रष्ट अधिकारी का मन नहीं भरा तो 26 नवंबर को मस्टररोल जारी करवा दिया। अब देखना यह लाजिमी होगा कि प्रकरण प्रकाश में आने के बाद मनरेगा योजना में चल रहे फर्जीवाड़े पर जिम्मेदार अधिकारी दोषियों पर किस तरह की कार्यवाही करते हैं या इसी तरह मनरेगा योजना भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ने के अलावे सरकारी धन का बंदरबाट होता रहेगा। सूत्रों की माने तो सरकारी धन का दुरुपयोग और ब्लॉक कर्मियों की कमीशनखोरी की वजह से गरीब मनरेगा मजदूरों को उनके हक से वचित किया जा रहा है।

क्रशर –मनरेगा कार्यस्थल पर नहीं हैं सीआईबी बोर्ड

शासन द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार मनरेगा के तहत कराए जा रहे कार्यों पर कार्य प्रारंभ होने से पूर्व सीआईबी बोर्ड लगाना अनिवार्य है बावजूद मनरेगा कार्यस्थलों पर सूचना बोर्ड नहीं लगाए गए हैं जो पारदर्शिता की कमी को दर्शाता है। सूचना बोर्ड पर योजना का नाम, प्राकलित राशि, सृजित मानव दिवस की जानकारी होनी चाहिए जिससे लोगों को जानकारी मिल सके कि कौन-सी योजना के तहत काम हो रहा है। लेकिन भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए बोर्ड को पहले नहीं लगाया जा रहा है। इस सम्बन्ध में मनरेगा लोकपाल रविंदर पांडेय का कहना है स्थलीय निरीक्षण कर कार्यवाही की जाएगी ।

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