बलरामपुरउत्तर प्रदेश

सोहेलवा वन्य जीव अभ्यारण को प्रोजेक्ट टाइगर बनाने की उठी मांग सौंपा ज्ञापन ।

बलरामपुर।भारत-नेपाल सीमा पर स्थित विश्व प्रसिद्ध सोहेलवा वन्य जीव अभ्यारण को प्रोजेक्ट टाइगर के रूप में विकसित करने के लिए बलरामपुर फर्स्ट टीम ने पहल शुरू की है। सोहेलवा वन्य जीव अभ्यारण रॉयल बंगाल टाइगर का (नेचुरल हैबिटेट) प्राकृतवास माना जाता है। पिछले कुछ महीनो में बाघों की जनगणना के दौरान कैमरा ट्रैपिंग में सोहेलवा जंगल में कई बाघ होने के प्रमाण मिले हैं। इस जंगल में बाघ के अतिरिक्त अन्य दुर्लभ प्रकार के वन्य जीव भी पाए जाते हैं और यहां की वनस्पतियां दुर्लभ और विश्व प्रसिद्ध है। सोहेलवा वन्य जीव अभ्यारण अकूत प्राकृतिक संपदा से भरपूर है। इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रोजेक्ट टाइगर योजना लागू किया जाना अति आवश्यक है। प्रोजेक्ट टाइगर लागू होने के बाद यहां संसाधन बढ़ेंगे जिससे बाघ समेत सभी दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीव और वनस्पतियों का संरक्षण हो सकेगा। सोहेलवा को प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किए जाने को लेकर बलरामपुर जनपद के प्रभारी मंत्री नितिन अग्रवाल को बलरामपुर फर्स्ट टीम की ओर से सर्वेश सिंह ने ज्ञापन सौंपा और इस जंगल के संरक्षण और संवर्धन के लिए विशेष प्रयास किए जाने का आग्रह किया।

के एल यादव की रिपोर्ट

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