जलवायु परिवर्तन की चुनौतीयां विषय पर हुई चर्चा ।
मिठौरा । गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त अवेद्यनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय
ब्रह्मलीन राष्ट्रसंत महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की स्मृति व्याख्यान श्रींखाला के अंतर्गत जलवायु परिवर्तन की चुनौतीयां विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ दिवाकर सिंह, सहायक आचार्य भूगोल, जवाहरलाल नेहरू पीजी कॉलेज महाराजगंज ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन का तात्पर्य पृथ्वी की पर्यावरणीय स्थितियों में परिवर्तन से है । यह कई आंतरिक और बाहरी कारकों के कारण होता है। पिछले कुछ दशकों में जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक चिंता का विषय बन गया है। इसके अलावा, ये जलवायु परिवर्तन पृथ्वी पर जीवन को विभिन्न तरीकों से प्रभावित करते हैं। इन जलवायु परिवर्तनों का पारिस्थितिकी तंत्र और पारिस्थितिकी पर विभिन्न प्रभाव पड़ रहे हैं। इन परिवर्तनों के कारण, पौधों और जानवरों की कई प्रजातियाँ विलुप्त हो गई हैं। मनुष्य ने अपनी ज़रूरत और लालच के कारण कई ऐसी गतिविधियाँ की हैं जो न केवल पर्यावरण को बल्कि खुद को भी नुकसान पहुँचाती हैं। अगर हम कुछ नहीं करेंगे और चीजें इसी तरह चलती रहेंगी तो भविष्य में एक दिन ऐसा आएगा जब मनुष्य पृथ्वी की सतह से विलुप्त हो जाएगा। लेकिन अगर हम इन समस्याओं को नज़र अंदाज़ करने के बजाय उन पर काम करना शुरू कर दें तो हम पृथ्वी और अपने भविष्य को बचा सकते हैं।आज के कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य प्रवक्ता दीपेन्द्र पाण्डेय, अध्यक्षता महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य लेफ्टिनेंट डॉ रामपाल यादव ने किया।इस अवसर पर महाविद्यालय के डाॅ. मनीषा त्रिपाठी, सुनील यादव, कृष्ण कुमार प्रजापति,अजय कुमार राव, विजय प्रजापति, प्रिती पाण्डेय एवं कर्मचारीगण तथा छात्र एवं छात्राएँ उपस्थित रहे।
उक्त सूचना, महाविद्यालय के सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. सरोज रंजन ने दी।