पैर का हुआ आपरेशन तो सामान्य होने लगे सोहन
महराजगंज।दस साल में दूसरी बार एक्सीडेंट में फिर जब बाएं पैर में ही फैक्चर हुआ तो दर्द से पीड़ित सोहन प्रसाद (51) के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत ) वरदान साबित हुई है । योजना के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पताल में उनके पैर का आॅपरेशन हुआ तो अब उनकी जिंदगी सामान्य होने लगी है। अब वह बैठ कर अपना काम करना शुरू कर चुके हैं । ऊनके पास पहले से आयुष्मान कार्ड बना था, इसलिए इलाज में देरी नहीं हुई।
ग्राम पंचायत बजही निवासी सोहन ने बताया कि वह जीविकोपार्जन के लिए पूणे शहर में काम करते थे। इसी साल 19 मार्च को दुर्घटना में उनके बाएं पैर में फैक्चर हो गया। इसके बाद वह घर चले आए। इलाज के लिए जब कैम्पिरगंज स्थित एक अस्पताल पर ले जाया गया तो वहां से रेफर कर दिया गया।
एक करीबी व्यक्ति ने बताया कि महराजगंज चलिए वहां आपका इलाज हो जाएगा। काम काज बंद हो जाने से वह आर्थिक तौर पर भी काफी परेशान थे। वह 24 मार्च को महराजगंज के एक निजी अस्पताल में गए तो बताया गया कि अगर उनके पास आयुष्मान कार्ड होगा तो इलाज सरकारी प्रावधानों के अनुसार हो जाएगा।
उन्होंने आयुष्मान कार्ड दिखाया तो उनका 24 मार्च को पंजीकरण हो गया। 25 मार्च को आॅपरेशन हुआ। एक सप्ताह बाद पहली अप्रैल को डिस्चार्ज कर दिया गया है। अब वह बैठ कर अपना काम कर ले रहे हैं।
सोहन ने बताया कि दस साल पहले भी पूणे में ही दुर्घटना में उनका बायाॅ पैर टूट गया था। वह इलाज के लिए घर चले आये थे। बेतियाहाता गोरखपुर में ही एक चिकित्सक ने आपरेशन किया। करीब 70 हजार रूपये खर्च हो गए थे।
अबकी बार के इलाज में आयुष्मान कार्ड बड़ा काम आया, वरना इलाज के लिए कर्ज का ही सहारा लेना पड़ता।
सर्जन डाॅ. प्रवीण गुप्ता ने बताया कि मरीज के पास आयुष्मान कार्ड था इसलिए उसका सारा इलाज योजना के प्रावधानों के तहत हो गया। अगर उनके पास कार्ड नहीं होता तो इस आॅपरेशन पर करीब डेढ़ लाखों रुपये खर्च होते। उन्होंने बताया कि करीब एक माह में सोहन सामान्य जिन्दगी जीने लगेंगे।
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3.41 लाख लोगों का बना आयुष्मान कार्ड
डिप्टी सीएमओ डाॅ. नीरज लाल कन्नौजिया ने बताया कि जिले के कुल 2.35 लाख लाभार्थी परिवारों में से 13 अप्रैल 2023 तक कुल तीन लाख 41 हजार 569 लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्ड योजना के तहत पांच लाख रुपये तक उपचार की सुविधा प्रत्येक लाभार्थी परिवार के लिए प्रावधान है। जिन लोगों का नाम आयुष्मान भारत योजना की सूची में है और अगर उन्होंने अपना आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाया है, तो वह आशा कार्यकर्ता और पंचायत सहायक से मिलकर सूची देख लें और आयुष्मान कार्ड अवश्य बनवा लें।पंचायत सहायक से मिलकर या कामन सर्विस सेंटर पर जाकर कार्ड बनवा सकते हैं।
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23459 ने कराया इलाज
डिप्टी सीएमओ ने बताया कि 13 अप्रैल 2023 तक आयुष्मान भारत योजना के तहत कुल 23459 लाभार्थियों ने इलाज कराया है। आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने के लिए कुल 28 अस्पताल पंजीकृत हैं। इनमें 12 निजी तथा 16 सरकारी अस्पताल शामिल हैं। आयुष्मान कार्ड केवल योजना में सूचीबद्ध लोगों का बनता है, और कार्ड रहने से शीघ्र इलाज मिल जाता है। अति गंभीर स्थिति में वेरिफ़िकेशन लगने वाले समय की भी बचत होती है।