नारी शक्ति बंधन अधिनियम को संसद से पारित करवाना लोकतांत्रिक भारत के इतिहास में मिल का पत्थर – राकेश मद्धेशिया

नौतनवा ।स्थानीय क्षेत्र की महिलाओं ने आरक्षण कानून नारी शक्ति वंदन अधिनियम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद में पारित कराए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नौतनवा ब्लाक प्रमुख के माध्यम से प्रस्ताव पत्र भेजा जिसमें लिखा की प्रधानमंत्री जी को देश की महिलाओं और बेटियों की तरफ से बधाई देते हैं| प्रस्ताव पत्र में लिखा गया कि प्रधानमंत्री जी ने 140 करोड़ की जनसंख्या में 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करने वाली मातृशक्ति के लिए लोकसभा एवं प्रदेश विधानसभाओं में एक तिहाई सिम आरक्षित करने का कानून लाया गया है | जिसके साथ कई वर्षों से महिलाओं के अधिकारों को लेकर हो रहे संघर्ष को अब विराम मिल गया है | भारत में महिला शक्ति को सदैव से नमन है हमारे संविधान निर्माता ने यह सुनिश्चित किया था कि देश में महिलाओं को वोटिंग का अधिकार मिले और वह चुनाव में सक्रिय रूप से भागीदारी ले सकें परंतु जब भी उनके सशक्तीकरण की बात आती थी तो उसको नजर अंदाज किया जाता था । 90 के दशक में महिलाओं के आरक्षण हेतु व्यवस्था की गई थी जिसके परिणाम स्वरूप आज लगभग 14 लाख महिलाएं जो 46% संख्या में है | वह ग्रामीण क्षेत्र के निकायों में प्रतिनिधित्व करती है महिला आरक्षण कानून से महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ेगी और सामाजिक क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन होगा जो देश की सांस्कृतिक पहचान समृद्धि होगी और लैगिक असमानता खत्म होगी |साथ ही महिला आरक्षण कानून के लागू होते ही महिला शक्ति को राजनैतिक-सामाजिक क्षेत्र में आगे बढ़ाने के अत्यधिक अवसर प्राप्त होंगें। महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मोदी सरकार का प्रशंसनीय निर्णय है। लोकसभा के बाद विधानसभा, नगर पालिका, पंचायती राज संस्थाओं में भी महिलाओं की स्थिति बदलेगी। लम्बे समय से लटका हुआ आरक्षण का बिल पास करवाना प्रधानमंत्री मोदी जी की एक दूरगामी सोच का परिचय है। यह सदन प्रधानमंत्री के द्वारा संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के आरक्षण हेतु नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित कराये जाने पर हार्दिक बधाई देता है। उनके यशस्वी नेतृत्व में देश इसी प्रकार अनवरत प्रगति करता रहे ऐसी शुभकामना है।इस दौरान मंजू देवी गुप्ता,कमलावता,आरती,कमलावती,जय देवी सहित अन्य लोग मौजूद रहे|
रितेश कुमार की रिर्पोट