बच्चे को उल्टी दस्त हो तो चिकित्सक को दिखाएं, ओआरएस का घोल पिलाएं ।
महराजगंज ।बदलते मौसम में नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति खास तौर पर सतर्क रहने की आवश्यकता है । इसे देखते हुए सभी आशा, एएनएम, आयुष्मान आरोग्य मंदिर और सरकारी अस्पतालों पर ओआरएस के पर्याप्त इंतजाम किये गये हैं। बच्चों को उल्टी दस्त की दिक्कत हो तो तुरंत नजदीकी अस्पताल के चिकित्सक को दिखाएं और सुविधा का लाभ लें । चिकित्सक द्वारा लिखी गयी दवा के साथ साथ बच्चे को ओआरएस का घोल भी देते रहें ।यह जानकारी देते हुए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि बच्चों के दिन में तीन बार से अधिक दस्त होने पर ओआरएस घोल और जिंक टेबलेट दस्त से बच्चों के जीवन की रक्षा करते हैं . उन्होंने बताया कि अभिभावकों को भी यह ध्यान रखना है कि बच्चे को दस्त आते ही और हर दस्त के बाद ओआरएस का घोल अवश्य देना है । इसके साथ ही जिंक की गोली एक चम्मच पीने के पानी अथवा मां के दूध में घोल कर लगातार 14 दिनों तक देना है। दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी मां का दूध और पूरक आहार देना जारी रखना है । डॉ प्रसाद ने बताया कि दो माह से कम आयु के बच्चे को हर दस्त के बाद ओआरएस का घोल देना है यह घोल दस्त शुरू होने के बाद तब तक देना है । जब तक कि बच्चे का दस्त बंद न हो जाए। दस्त के दौरान बच्चे के मल का सुरक्षित निपटान करना है और समय-समय पर अभिभावकगण बच्चों को खाना खिलाने पहले और बाद अपने हाथों को साबुन पानी से धुलते रहेंगे .
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ऐसे बनाएं ओआरएस का घोल-
ओआरएस के एक पैकेट को एक लीटर पीने के पानी में घोल बनाकर रखना है जो समय-समय पर बच्चे की आयु के हिसाब से निर्धारित मात्रा में देना है.
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जिंक का है विशेष लाभ
एसीएमओ ने बताया कि जिंक टैबलेट देने से दस्त की अवधि और तीव्रता कम होती है । यह तीन महीने तक दस्त से सुरक्षित रखता है और लंबे समय तक शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बना कर रखता है। उचित परामर्श के अनुसार जिंक की गोली मां के दूध या पानी के साथ बच्चे को देनी होती है। बच्चे को छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराना है और इसके बाद दो वर्ष की आयु तक स्तनपान के साथ साथ पूरक आहार भी देते रहना है।