फरेंदा विधायक वीरेंद्र चौधरी ने नवविवाहित जोड़ों को दिया आशीर्वाद ।

उमेश गुप्ता की रिपोर्ट
फरेंदा। सेठ आनंद राम जैयपुरिया इंटर कालेज में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया। जिसमें फरेंदा ब्लॉक से 06, बृजमनगंज ब्लॉक से 30 व धानी ब्लाक से 35 निर्धन परिवार की कुल मिलाकर 71 हिंदू-मुस्लिम जोड़ों का मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत विवाह सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे फरेंदा विधायक वीरेंद्र चौधरी ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद व प्रमाण पत्र दिया।इस सामूहिक विवाह के आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे फरेंदा विधायक वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि समाज के सोच बदलने के कारण सामूहिक विवाह योजना जरूरी है। इसमें सभी राजनैतिक दलों के लोगों को सामूहिक विवाह योजना की चर्चा करना चाहिए। जिससे गरीब ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित हो सकें।
इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजक व खंड विकास अधिकारी फरेंदा अमरनाथ पाण्डेय, खण्ड विकास अधिकारी बृजमनगंज सच्चिदानंद शुक्ल, खंड विकास अधिकारी धानी केके शुक्ल, सहायक विकास अधिकारी फरेंदा वीरेंद्र यादव, सहायक विकास अधिकारी बृजमनगंज गुलाब पाठक, एडीओ समाज कल्याण महेंद्र प्रसाद, एपीओ अंकित श्रीवास्तव, ग्राम विकास अधिकारी सर्वेश सोनकर, संतोष कुमार, ममलेश्वर दुबे अंबेडकर भारतीय सहित अन्य तमाम अधिकारियों ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया।कार्यक्रम आयोजक खण्ड विकास अधिकारी फरेंदा अमरनाथ पाण्डेय रहे। कार्यक्रम का संचालन सुबोध कुमार ने किया। पंडित शिव शंभूनाथ पाण्डेय ने हिंदू रीति रिवाज से विवाह सम्पन्न कराया तो वहीं मुस्लिम धर्मगुरु मोहम्मद मुदीन ने मुस्लिम रीति-रिवाज से निकाह पढ़ाया।इस दौरान राहुल, विनय तिवारी, चुन्नु दूबे,अमर मणि, अरविंद, दीपक, मुकेश,आयुष, ज़ावेद, विजय, रामानुज,कुंज बिहारी, श्रीभागवत, हनुमान व पप्पू यादव सहित कई दर्जनों कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद रहे।
बेटियों के विवाह पर सरकार कुल ₹51,000 करती है खर्च।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों के विवाह तथा विधवा तलाकशुदा महिला के पुनर्विवाह में मदद करने के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत लाभार्थी बेटियों के विवाह पर सरकार कुल ₹51,000 खर्च करती है।
जिसमें प्रत्येक जोड़े पर दाम्पत्य जीवन में खुशहाली एवं समृद्धि की स्थापना के लिए बेटी के बैंक अकाउंट में ₹35000, विवाह संस्कार में जरूरी वस्तुएं जैसे- बिछिया, पायल, कपड़े आदि की खरीद के लिए ₹10,000 तथा सामूहिक विवाह के आयोजन पर प्रति जोड़े ₹6,000 खर्च किए जाते हैं।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में मिली अनियमितता।
इस सामूहिक विवाह योजना में 71जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ। जिस में अनियमितता की चर्चा व्याप्त रही। हिंदू जोड़ों को बिना सिंदूर के ही विवाह संपन्न कराया गया। वहीं लाभार्थियों को रजिस्ट्रेशन के नाम पर 1200 रुपए देने की बात भी सुनी गई। हद तो तब हो गई जब एक खण्ड विकास अधिकारी पर भारी रकम लेकर दस्तखत करने के आरोप सुने गए। काफी गहमा गहमी देख फरेंदा विधायक ने हस्तक्षेप कर दोषियों पर कार्यवाही करने के आश्वासन पर लोग शांति हुए। कुछ लाभार्थियों को बुलाकर उन्हें योजना में शामिल न करने से भारी बवाल हुआ। जिसे सभी लोगों ने आयोजक कमेटी की काफी निंदा की। लोगों में नाराजगी इतनी रही कि बड़ी मुश्किल से लोगों को समझा बुझाकर घर भेजा गया।