डेढ़ माह से मनरेगा मजदूरों का नहीं मिली मजदूरी, बढ़ी परेशानी ।
परसामलिक । ग्रामीण मजदूरों को गांव में ही रोजगार देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की तरफ से चल रही महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना के तहत पिछले डेढ़ माह से मनरेगा श्रमिको को किए गए कार्य के बाबत मजदूरी नहीं मिली है। जिसकी वजह से मजदूरों को आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है।महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत हर जॉब कार्ड धारक को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों का काम दिया जाता है। ताकि ग्रामीणों को मजदूरी के लिए अन्य जिलों या राज्यों में पलायन करना न पड़े। अन्य जगह काम नहीं मिलने पर मनरेगा मे मजदूरी करके अपने परिवार की रोजी रोटी चला सके। वही दूसरी ओर नौतनवा ब्लॉक अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों में हुए मनरेगा कार्यों के बाबत लगभग डेढ़ माह बाद भी हजारों मनरेगा श्रमिको की मजदूरी बीते 29 नवंबर 2024 के बाद खाते में रकम नहीं आने से मनरेगा श्रमिको की परेशानियां बढ़ गई है। विभिन्न ग्राम पंचायतों के मनरेगा श्रमिको का कहना है कि पैसे समय से नहीं मिलने की वजह से आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों की फीस व निवाले को लेकर हो रही है। बता दे समय से भुगतान नहीं होने के कारण श्रमिक मनरेगा से मुंहमोड़ शहरों की तरफ रुख कर रहे है। मनरेगा से श्रमिकों का मोहभंग का एक प्रमुख कारण मजदूरी का कम होना भी है। बाजार में श्रमिकों को प्रतिदिन करीब 310 रुपये मिलते हैं वही राजगीर को तकरीबन 560 रुपये मिल जाते हैं। जबकि मनरेगा में काम करने पर श्रमिकों को 230 रुपये और राजगीरों को 480 रुपये ही दिए जाते हैं। मनरेगा श्रमिक सुनील, राजाराम, सुभाष, मनोज, संगीता, सुनीता, जावेद, अख्तर, समसुद्दीन, रामावती, कोयली समेत अन्य मजदूरों ने सरकार से अविलंब मनरेगा मजदूरी भुगतान कराने की गुहार लगाई है।