महराजगंजउत्तर प्रदेश

जब आसपास होगी हरियाली तो जीवन में आएगी खुशहाली-सीएमओ ।

महराजगंज ।पेड़ पौधों की अंधाधुंध कटाई और प्रदूषण के जरिये पर्यावरण में जो असंतुलन पैदा हो रहा है । वह स्वस्थ और सुरक्षित बच्चे की चाहत के लिए भी चुनौती बन सकता है। ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए पौधरोपण कराएं। जब आपके आसपास हरियाली होगी तभी जीवन में खुशहाली आएगी।उक्त बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ.नीना वर्मा ने अपने कार्यालय कक्ष में विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहीं। इसके बाद सीएमओ कार्यालय परिसर में पौधरोपण भी किया गया। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों का कहना है कि पर्यावरण में असंतुलन के कारण भी लोगों को अत्यधिक गर्मी और हीट वेव का प्रकोप झेलना पड़ रहा है। ऐसे हालात सबसे अधिक खतरा गर्भवती और गर्भस्थ शिशु के लिए पैदा करते हैं । सुरक्षित मातृत्व के लिए ये हालात बदलने जरूरी हैं।जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डाॅ केपी सिंह ने कहा कि अधिक गर्मी के कारण गर्भवती की ह्रदय और गुर्दे की प्रणाली कमजोर हो सकती है। इन स्थितियों में गर्भस्थ भ्रूण के लिए भी जटिलताएं बढ़ जाती है।उन्होंने कहा कि अत्यधिक गर्मी के कारण हुए निर्जलीकरण से गर्भवती के रक्तचाप के भी कम होने की संभावना होती है। जब रक्तचाप कम होता है तो वह पेट में पल रहे बच्चे के लिए भी दिक्कतें पैदा कर देता है । ओपीडी में आने वाली गर्भवती को गर्मी से बचने के लिए विशेष तौर पर परामर्श दिया जा रहा है।डिप्टी सीएमओ डाॅ.वीर विक्रम सिंह ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण मातृ शिशु स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती है। प्रदूषित वातावरण में पैदा होने वाले बच्चों में फेफेड़े संबंधी बीमारियों की आशंका अधिक होती है। उन्होंने लोगों को संदेश दिया कि पेड़ लगाएं और पर्यावरण को बचाएं। लोगों से अपील है कि सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करें। जल का संरक्षण करें। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। प्राकृतिक और जैविक उत्पादों का प्रयोग करें।गोष्ठी में एसीएमओ ,डाॅ राजेंद्र प्रसाद, एसीएमओ डाॅ.राकेश कुमार, डिप्टी सीएमओ डाॅ.राजेश द्विवेदी, जिला कुष्ठ अधिकारी डाॅ.एन एन प्रसाद,सदर बीपीएम सूर्य प्रताप सिंह आदि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

यह उपाय जरूरी

-अधिक से अधिक पौधे लगाएं
-तेज धूप और हीट वेव में न निकलें
-घर के बाहर निकलें तो मास्क अवश्य लगाएं।
-वाहनों का इस्तेमाल कम किया जाए
-गर्भवती और नवजात को प्रदूषित वातावरण से दूर रखें।
-जहां तक संभव हो अपनी खुद की पानी का बोतल ले जाएं।
-घर के आसपास औषधीय पौधों का रोपण करें।
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पर्यावरण प्रदूषण के अन्य नुकसान

-फेफड़े से संबंधित बीमारियां
-ह्रदय रोग और उच्च रक्तचाप के रोगियों को हीट वेव से जीवन का खतरा
-गंदगी के कारण वेक्टर जनित रोगों के प्रसार की आशंका।

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