माता मन्दिर के स्थापना दिवस पर निकला शोभा यात्रा
निचलौल ।क्षेत्र के टिकुलहिया माता मन्दिर के स्थापना दिवस के मौके पर टिकुलहिया शीलता माता का शोभा यात्रा निकाली। सैकड़ों की संख्या में माता भक्तों ने जय माता के जयकारों से पूरा क्षेत्र गुज उठा। श्रद्धालुओं में एक नया उत्साह देखने को मिला वही माता टिकुलहिया मंदिर से होकर निचलौल नगर पंचायत में शोभायात्रा का भ्रमण करते हुए वापस मंदिर लाया गया। इस कड़ाके की धूप में भी श्रद्धालु माता के भक्ति में चूर दिखे शोभायात्रा में लगभग सैकड़ो हजारों की संख्या में भक्ति में लीन रहे। जगह-जगह यात्रा का स्वागत किया गया।
देवी स्थान टिकुलहिया में पिंड स्वरूप माता की स्थापना 1892 में तत्कालीन जमींदार माहेश्वरी दत्त पाण्डेय ने की थी। वे नेपाल की पहाड़ी स्थित देवी स्थान की मिट्टी का पिंड मां के रूप में डोला से लाए थे। कहा जाता है कि पिंड स्थानांतरण में हर ग्राम का सिवान बदलने पर बकरे की एक बलि देय थी। ऐसा ही किया गया लेकिन जमींदार के ग्राम निचलौल के पहले के ग्राम टिकुलहिया में आते आते बलि समाप्त हो गया। इसकी व्यवस्था होने के बीच डोला उठाए कहारों ने डोला को जमीन पर रख दिया। बलि आने और देने के बाद डोला को पुनः कोई उठा नहीं पाया। मिलकर किये गए प्रयास विफल होने पर श्री पाण्डेय ने टिकुलहिया में एक पेड़ के नीचे पिंड की स्थापना कर दी। तभी से माता यहां पूजित हैं। प्रारंभ में जमींदार ने मंदिर बनवाना चाहा लेकिन नहीं बनवाया जा सका। बाद में तत्कालीन पुजारी सुभग और नगर निचलौल के व्यवसायो ने मिलकर जनसहयोग से एक छोटा मंदिर बनवाया। इधर मंदिर का जीर्णोद्धार का शिलान्यास 4 मई 2010 को लोगों ने किया। वर्तमान में निचलौल व ग्राम के लोगों की एक समिति ने भव्य मंदिर बनवाया है। समिति अध्यक्ष व पत्रकार अजय जायसवाल के कुशल नेतृत्व में जनसहयोग से निरंतर सुविधायुक्त विकास जारी है। मंदिर में नौ दुर्गा, माता शीतला, गणेश जी, हनुमान जी के साथ शिव मंदिर व एक धर्मशाला है। रोज पूजा अर्चना के साथ आरती होती हैं।