आजादी के महापर्व पर महिला ग्राम प्रधानों के अधिकारों का हो रहा हनन ।
परसामलिक । देश की आजादी के 77 साल पूरे होने के बावजूद ग्रामीणांचल में शिक्षा का आभाव होने के नाते शासन द्वारा महिला शशक्तिकरण के लिए कई कार्यक्रमों के बावजूद ग्रामसभा की प्रथम नागरिक महिला प्रधान को उनके अधिकार से वंचित कर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नौतनवा ब्लॉक अंतर्गत कई ग्राम पंचायतों महिला प्रधानों के स्थान पर उनके पतियों या प्रतिनिधियों ने ध्वजारोहण किया तो कई गांवों में घूंघट की ओट से महिला प्रधान ध्वजारोहण कर वापस घर आकर चूल्हा चौका में लग गईं। ग्राम विकास अधिकारी भी महिला प्रधान के पतियों को प्रधान जी कहकर हौसला बढ़ाते नजर आए। महिला शशक्तिकरण के तहत राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से पंचायती राज में महिलाओं के आरक्षण की व्यवस्था की गई जिससे महिलाएं को भी सम्मान मिल सके। मगर आज भी प्रधान बनने के बाद कई ग्रामसभाओं में महिलाएं चूल्हा चौका तक सीमित हैं। उनकी जगह प्रधान पति या प्रतिनिधि ही उच्चाधिकारियों की मीटिंग में सम्मिलित होते है।