महराजगंजउत्तर प्रदेश

कप्तान साहब! आखिर कब तक सहते रहेंगे पत्रकार पुलिसिया उत्पीड़न

फरेंदा चौकी इंचार्ज के खिलाफ़ पत्रकार संगठन हुए लामबंद, अगर निलम्बन की कार्यवाही नहीं हुई तो सरकार के खिलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन

महराजगंज। फरेंदा मे विगत दो दिन पूर्व दो पत्रकारों के साथ फरेंदा पुलिस द्वारा अभद्रता पर चौकी प्रभारी  व आरोपियों के विरोध में शनिवार को कोल्हुई मे स्थिति यश इण्टर नेशनल होटल में आज क्षेत्र के समस्त पत्रकारों ने बैठक कर फरेंदा पुलिस के कृत्य की निंदा करते हुए निलंबन कार्यवाही की मांग की गई। इस मामले में पत्रकारों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए शासन प्रशासन को आगाह किए कि अगर पत्रकारों का उत्पीड़न बंद नहीं हुआ और चौकी इंचार्ज का निलंबन नहीं हुआ तो आगामी लोक सभा चुनाव में पत्रकार काफी विरोध पर उतारू हो सकते हैं।जिसके जिम्मेदार जनपद के आला अफसर होंगे।बैठक में पत्रकारों ने दुख व्यक्त करते हुए दोषी पुलिस के खिलाफ निलंबन कार्यवाही की मांग की।इस मौके पर पत्रकारों ने एक स्वर में पुलिसिया उत्पीड़न की कटु  निंदा करते हुए कहे कि इस घड़ी महराजगंज की पुलिस बेलगाम हो गई  है।एक वर्ष के अंतराल में पत्रकारों के ऊपर आधा दर्जन पुलिसिया उत्पीड़न की घटनाएं हो चुकी है।अभी कोल्हुई के दो पत्रकारों के साथ तत्कालीन सी0ओ0 फरेंदा अनुज कुमार सिंह द्वारा किए गए उत्पीड़न से पत्रकार काफी आहत थे।जब कि अपर पुलिस अधीक्षक आतिश कुमार सिंह द्वारा पत्रकार हित का आश्वासन भी दिया गया था किसी तरह की कार्यवाही नहीं होगी।फिर भी उन दोनो पत्रकारों को कोल्हुई पुलिस सी0 ओ0 अनुज कुमार सिंह के दबाव में चालान करने के बाद एक दिन के लिए  जेल भेजवा दिया गया। इस बाबत वरिष्ठ पत्रकार कलाधर मिश्रा ने कहा कि पत्रकार सदैव जनहित में कार्य करता है। फरेंदा पुलिस द्वारा पत्रकार के साथ अभद्र व्यवहार किया जाना काफी निंदनीय है।उन्होंने कहा  चौकी इंचार्ज के विरुद्ध जब तक निलंबन की कार्रवाई नहीं होगी तब तक विरोध जारी प्रदर्शन जारी रहेगा।इस तरह से जनपद के लगभग सभी थानों में ऐसे पुलिस कर्मी होने की चर्चा है। जो इस तरह के निंदनीय कृत्य करके सरकार को भी बदनाम करने में गुरेज नहीं कर रहे हैं।इसी क्रम में क्षेत्र के सबसे वरिष्ठ पत्रकार मुहम्मद सई संबोधित करते हुए कहा कि अपनी कलम के माध्यम से निष्पक्ष सच्चाई को लिखते  रहें।अगर उसे कोई भी दबाने का प्रयास करता  है तो हम और हमारा संगठन उसके विरोध में आवाज उठाएगा। उन्होंने कहा पत्रकार सच्चाई लिखने पर उत्पीड़न का शिकार हो जाता है ।क्योंकि सच लिखने वाले और बोलने वालों के बहुत सारे दुश्मन हो जाते हैं,और बिना जांच के पत्रकारों के ऊपर फर्जी मुकदमे लिख दिए जाते हैं। उन्होंने संबोधन में सरकार से गुजारिश करते हुए कहा की पत्रकार सुरक्षा बिल लागू किया जाए ।जिससे आने वाले समय में हमारा हर पत्रकार साथी अपने परिवार के साथ सुरक्षित रहते हुए जनता की आवाज से को शासन प्रशासन तक पहुंचने की जिम्मेदारी का निष्पक्ष रूप से निर्वहन करता रहे।डायनामाइट के नौतनवा तहसील प्रभारी अभिषेक रौनियर ने पुलिस द्वारा किए हुए कृत्य की निंदा करते हुए पत्रकारों को एकजुट होने की जरूरत है जब तक पत्रकार एकजुट नहीं होंगे तब तक उनका उत्पीड़न होता रहेगा। पत्रकारों से अभद्रता करने वाले चौकी प्रभारी के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई होनी चाहिए उसी दौरान फरेंदा पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। सभी पत्रकार भाइयों ने अपने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा की जब तक निलंबन की करवाई नहीं हो जाती संघर्ष जारी रहेगा।
इस दौरान अंगद शर्मा, देव अग्रहरी,बैतुल्लाह उर्फ चुन्ना खा, सोनू शर्मा, विनोद मौर्या, रोहित कन्नौजिया, आशीष गुप्ता, उदय रौनियार,राहुल गौतम,अभिषेक रौनियर, अफरोज खा,उदय रौनियार,अब्दुल्लाह पठान,विकाश मद्धेशिया,इमरान खान,मनोज कुमार,राम प्रकाश राव आदि पत्रकार मौजूद रहे।

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