पिता की आठवी वर्षी मानाए वृद्धा आश्रम वृद्धजनों के साथ
महराजगंज। फरेन्दा आधारशिला वृद्धा आश्रम आनंद नगर में अपने पिता स्व0 परमात्मा प्रसाद दुबे व माता स्व0 ज्ञानमती देवी की आठवी वर्षी मानते वृद्धजनों के साथ बड़े पुत्र आनंद शंकर दुबे व गौतम दुबे ।आधारशिला वृद्धा आश्रम में अपने पिता की पुण्यतिथि के श्रद्धांजलि पर बोले आनन्द शंकर दुबे सचमुच पिता उस घने पेड़ की तरह होते हैं जो शीतल छाया देते हैं। पिता अपने सुख की परवाह किए बिना अपने परिवार के लिए समर्पित होकर जिम्मेवारी निभाते हैं। लेकिन यह बात इंसान को तब समझ आती है जब उनके पिता उनसे दूर चले जाते हैं। फिर पिता के दिखाए गए रास्ते उनके बताए संस्कार और बातें सिर्फ यादें बनकर रह जाती है। उन्हें यादों को शब्दों में पिरो कर इस अंक में मैं लेकर आया हूं पापा की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि । मुझे उम्मीद है पिता पर यह संदेश जरूर आपके दिल को छू जाएंगे। तो आइए पढ़ते हैं पिता की पुण्यतिथि पर, पिता धर्म है कर्म है शिक्षा के मार्ग है , पिता ही सब कुछ बच्चों के प्यार है । वृद्धा आश्रम में वृद्धजनों को ऊनी मोजा, टोपी सहित अंग वस्त्र देकर सम्मानित किए । साथ ही साथ भोजन प्रसाद ग्रहण कराए । इस मौके पर आधारशीला वृद्धा आश्रम गणेशपुर में बड़े पुत्र आनंद शंकर दुबे ,छोटे पुत्र गौतम दुबे पुत्र वधू किरण दुबे व रूपम दुबे , प्रदीप श्रीवास्तव,संतोष कौर,सुनील यादव, सूर्य नारायण दुबे,प्रमोद चौहान ,आकृति दुबे , आधारशिला वृद्धा आश्रम प्रबंधन प्रदीप कटियार सहित तमाम लोग मौजूद रहे।