कुशीनगरउत्तर प्रदेश

सीएमओ ने रोगियों का किया उत्साहवर्धन , बीमारी के प्रति किया सचेत

नसरूल्लाह अंसारी की रिपोर्ट

कुशीनगर Iसामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फाजिलनगर पर शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ.सुरेश पटारिया ने कुष्ठ और टीबी रोगियों के बीच कंबल और अन्य सामग्री वितरित किया। साथ ही दोनों प्रकार के रोगियों को सलाह दी कि वह लोग अपने रोग के प्रति सचेत रहें। समय समय पर जांच कराकर उपचार लेते रहें । टीबी रोगी नियमित दवा और पौष्टिक आहार लेते रहें.
सीएमओ ने कुष्ठ और टीबी रोगियों को कंबल, टोपी, फल और मिष्ठान दिया साथ ही कुष्ठ रोगियों को एमसीआर चप्पल वितरित किया। वहीं पर कुष्ठ तथा टीबी रोग के लक्षण, जांच और उपचार के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने टीबी रोगियों से कहा कि वह पौष्टिक आहार तथा नियमित दवा लेते रहे। चिकित्सक की सलाह लिए बिना अपने मन से दवा बंद न करें। टीबी और कुष्ठ के लक्षण दिखे तो जांच जरूर कराएं। कुष्ठ और टीबी रोगियों के बीच की गयी सामग्री को कुष्ठ विभाग के एनएमएस रमेश प्रसाद त्रिपाठी ने उपलब्ध कराई थी।
जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ. विनोद कुमार मिश्र ने बताया कि कुष्ठ एक संक्रामक रोग है जो कि माइकोबैक्टेरियम लेप्री नामक जीवाणु से फैलता है।अगर समय पर कुष्ठ रोग का पता चल जाए तो व्यक्ति दीर्घकालीन दिव्यांगता से बच सकता है| कुष्ठ संक्रमित मरीज द्वारा यह रोग फैलता है और का इलाज सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क किया जाता है।
उन्होंने कुष्ठ रोग के लक्षण के बारे में बताया कि गहरे रंग की त्वचा के व्यक्ति में हल्के रंग के धब्बे और हल्के रंग के व्यक्ति की त्वचा में गहरे अथवा लाल रंग के धब्बे, त्वचा के दाग धब्बों में संवेदनशीलता (सुन्नपन), हाथ या पैरों में अस्थिरता या झुनझुनी, हाथपैरों या पलकों में कमजोरी, चेहरे, कान में सूजन या घाव तथा हाथ या पैरों में दर्द रहित घाव बनता है। कुष्ठ रोग में संवेदनहीनता और मांसपेशियों की कमजोरी के फलस्वरूप तंत्रिका क्षति के कारण शारीरिक दिव्यांगता और विकृति का कारण बनता है।
कुष्ठ रोग से होने वाली दिक्कतों से बचाव के लिए विशेष तरह के जूते-चप्पल आते हैं उन्हें पहने। हाथ पैर को साफ और मुलायम रखें। आँखों में इसका प्रभाव आने पर पलके लकवाग्रस्त हो सकती है। जिससे आँख पूरी तरह बंद नहीं हो पाती। ऐसी अवस्था में आंखों में चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है इसलिए आँखों का विशेष ध्यान रखे। दिन में चश्मा लगाएं तथा रात्रि में सोते समय आंखों को स्वच्छ कपड़ों से ढक दें।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डाॅ.उमा शंकर नायक ने टीबी रोग के बारे में विस्तार से बताया और लोगों से अपील किया कि 2 हफ्ते से ज्यादा की खांसी होने पर चिकित्सालय आकार चिकित्सक को अवश्य दिखाएं। उन्होंने कहा की किसी भी रोगी को किसी भी तरह के परेशानी होने पर तत्काल उनसे संपर्क कर सकते हैं । अस्पताल की तरफ से उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
इस अवसर पर डाॅ. दिलीप गुप्ता, राकेश सोनकर (एसटीएस ), आर डी सिंह, प्रदीप गुप्ता, मदन यादव, सुभाष गुप्ता एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे। वहीं पर आशा कार्यकर्ताओं को अर्ध दिवसीय कुष्ठ संवेदीकरण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया.

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