जौनपुरउत्तर प्रदेश

भूखे पेट कब तक करते रहे विभाग का काम: संविदाकर्मी।

जौनपुर। किसी ने ठीक ही कहा है— भूखे पेट नहीं हो सकती क्रांति और बिना सम्पूर्ण आयुध के नहीं लड़ा जा सकता युद्ध। उन्हीं लोकोक्त्तियों को चरितार्थ कर रहा है विद्युत विभाग जौनपुर। संविदा कर्मियों से काम कराया जा रहा है परन्तु उनकी पारिश्रमिक नहीं देकर उनके साथ जो बर्ताव विभाग द्वारा किया जा रहा है, वह 1947 से पूर्व की गुलामी का चस्मा दिखा रहा है कि आज भी अंग्रेजी हुकूमत के तर्ज पर ही काम कराया जा रहा है।विद्युत विभाग के संविदा कर्मचारियों के वेतन भुगतान न होने के कारण आहत और भूखमरी की ओर जाने पीड़ा के फलस्वरूप अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत वितरण मण्डल प्रथम जौनपुर के कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया।

संविदा कर्मियों द्वारा प्रदर्शन का मुख्य कारण यह है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को 3 टुकड़ों में विभाजित कर सम्पूर्ण विद्युत वितरण का निजीकरण करने के प्रदेश सरकार के प्रस्ताव के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उ0प्र0 द्वारा चलाये जा रहे अभियान में सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर व अभियन्ता/अधिकारीगण शामिल रहे हैं जिसमें निविदा कर्मचारी भी शामिल रहे हैं। अभियान में शामिल रहने के कारण निविदा कर्मचारियों का विगत 8 माह से वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इस सन्दर्भ में निविदा कर्मचारियों द्वारा विभागीय अधिकारीगण व अनुबन्धित कम्पनी को निरन्तर 8 माह से बार-बार इसका संज्ञान कराते हुये बकाये वेतन के साथ वर्तमान वेतन का भुगतान कराने का अनुरोध किया जाता रहा है।
विभागीय/अनुबन्धित कम्पनी द्वारा प्रत्येक माह की उपस्थिति तो प्रेषित की जाती है किन्तु उनके वेतन का भुगतान नहीं किया जाता और यह आश्वासन दिया जाता है कि “भुगतान की कार्यवाही की जा रही है और जल्दी ही बकाया वेतन सहित वर्तमान माह के वेतन का भुगतान कर दिया जायेगा। आप काम करते रहिये किन्तु न किसी प्रकार के बकाये वेतन का भुगतान अभी तक हुआ है और न ही वर्तमान वेतन का भुगतान हो रहा है किन्तु झूठे आश्वासन देकर निविदा कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा है। वेतन के भुगतान न होने से निविदा कर्मचारियों की भूखमरी की स्थिति बन चुकी है और उनके द्वारा अपने परिवार का भरण पोषण करना कठिन हो गया है।
विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से बनाये रखने एवं अनुरक्षण/परिचालन जैसे महत्वपूर्ण कार्य के सम्पादन में निविदा कर्मचारियों की अहम भूमिका रही है और आगे भी रहेगी, यह भी विदित है कि विद्युत व्यवस्था को ठीक/मेन्टेनेन्स करने नं निविदा कर्मचारी अपनी जान-माल की भी परवाह नही करते और विभागीय कार्यों को पूर्ण मनोयोग व सुगमता से पूर्ण करते हैं जिसमें कई बार तो उन्हे विद्युत दुर्घटना का सामना भी करना पड़ता है जिसमें उन्हें व उनके परिवार को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। इसके बावजूद विभाग/अनुबन्धित कम्पनी द्वारा संविदा कर्मचारियों का शोषण करना एवं वेतन का भुगतान न करना अत्यन्त ही निन्दनीय है।
ऐसे रवैये को बदला जाना अतिआवश्यक है, कर्मचारियों की समस्याओं का निवारण हो सके तथा निगम को भी किसी प्रकार की कोई हानि न हो।यदि विभाग/अनुबन्धित कम्पनी द्वारा इनकी समस्याओं का निवारण नहीं किया जाता है और वेतन का भूटान नहीं किया जाता है तो 2 नवम्बर से निविदा कर्मचारियों द्वारा पूरे दिन का अनिश्चतकालीन धरना और कार्य का बहिष्कार करते हुए अधीक्षण अभियन्ता विद्युत वितरण मण्डल प्रथम जौनुपर के कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। इस अवसर पर विद्युत विभाग निविदा कर्मचारी सन्त राम यादव, नरायण दास मौर्या, गो० जमाल, कुन्दन, प्रदीप कुमार, सतीश सिंह, आशुतोष दूबे, कुंवर सिंह सहित समस्त निविदा कर्मचारी सम्मलित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
.site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}