महराजगंजउत्तर प्रदेश

मोबाइल टावर लगाए जाने पर लोगों में आक्रोश।

नौतनवा।नगर पालिका परिषद के छपवा चौकी के बगल में लग रहे मोबाइल टावर को रुकवाने की मांग को लेकर मोहल्ले के लोगों ने संपूर्ण समाधान दिवस में तहरीर दी।शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस में वार्ड नंबर 12 सिद्धार्थ नगर व वार्ड नं 1 इंदिरा नगर निवासी सभासद प्रतिनिधि दुर्गेश कुमार, उमेश चंद मद्धेशिया, वीरेंद्र बहादुर, पवन कुमार, जियाउल हक, आकाश चौरसिया, रवि कुमार गुप्ता, तारकेश्वर प्रसाद गुप्ता, सीताराम चौधरी, अफरोज, फिरोज कुमार, संतोष कुमार, यमुना प्रसाद, राघव मद्धेशिया, अमित कुमार जायसवाल, उदयभान चौधरी, राजेश, महेंद्र यादव, माधेश्वर मिश्र, बैजनाथ मिश्र, कद्दूश खान, विजय उपाध्याय आदि ने समाधान दिवस में तहरीर देकर बताया कि मोहल्ले के कुछ लोग घनी आबादी में मोबाइल टावर लगाया जा रहा है। जिससे हम नगरवासी स्वास्थ्य को लेकर मानसिक रूप से पीड़ित है। टावर घनी आबादी व स्कूल के बीच है और बहुत ही नीचे मकान पर टावर लगा जा रहा है। टावर द्वारा निकलने वाली तरंगों से बीमार व्यक्ति या छोटे बच्चों पर काफी नुकसान पहुंचेगा। आबादी के बीच मोबाइल टावर लगने से बीमारी फैलने की आशंका जाहिर की गई है। सभी ने उपजिलाधिकारी मुकेश कुमार सिंह को प्रार्थना पत्र के माध्यम से घनी आबादी के बीच लगने वाले मोबाइल टावर को रुकवाये जाने व आबादी से दूर हटाने की मांग की है।गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं मोबाइल टावर मोबाइल टावरों से निकलने वाले चुंबकीय तरंगें आपके लिए गंभीर बीमारी का कारण बन सकती हैं। इसके कारण कैंसर, हृदय रोग,थायरायड, मस्तिष्क व सांस जैसी कई बीमारियां आपको चपेट में ले सकते हैं। खास बात यह है कि इन टावरों को लगाने में यदि तय मानकों जैसे ऊंचाई, आबादी से दूरी, स्थान आदि का पालन न हुआ हो तो यह खतरा और बढ़ जाता है। मोबाइल टावर से बच्चों पर गहरा असर मोबाइल टावरों से निकलने वाले चुंबकीय तरंगें से बच्चों पर भी बहुत ही बुरा असर पड़ता है। इससे बच्चो के आंखों से पानी आना , सर दर्द , तनाव , अनिद्रा जैसी स्थिति हो जाती है जिससे बच्चो में चिढ़चिढ़ापन बढ़ जाता है। बच्चो की याददाश्त पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है जो की उनके पढाई के अच्छी नहीं होती है। मोबाइल टावर घर से कितनी दूरी पर होना चाहिए मोबाइल टावर लगाने के लिए छत पर 500 वर्ग फुट की जगह चाहिए। लेकिन खाली जमीन पर 2000 वर्ग फुट से 2500 वर्ग फुट की आवश्यकता होगी। जमीन का साइज इस बात पर निर्भर करता है कि वह शहरी इलाके में है या फिर ग्रामीण। इसके अलावा आपको यह भी ध्यान देने की जरूरत है कि आपकी जमीन किसी अस्पताल से 100 मीटर से दूरी पर ही हो।

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