बौद्धध धम्म जागरण कार्यक्रम में बुद्ध के जीवनी पर डाला गया प्रकाश।

बृजमनगंज।क्षेत्र के फुलमनहां गांव अंबेडकर पार्क में चल रहे पांच दिवसीय धम्म जागरण व बौद्ध कथा प्रवचन के तीसरे दिन भगवान बुद्ध के जीवनी पर कथा हुई। कथा वाचक संघमित्र बौद्ध द्वारा आए समस्त कथा श्रोताओं के समक्ष बताया कि बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु के राजा शुद्धोधन के यहां लुम्बिनी वन में हुआ था। गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। और इनके जन्म पर जब एक तपस्वी ने यह भविष्यवाणी कि यह बालक छोटी आयु में ही संन्यासी हो जाएगा। तो उसके चिंतित पिता शुद्धोधन ने सिद्धार्थ की महल से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी। 16 वर्ष की उम्र में सिद्धार्थ का विवाह राजकुमारी यशोधरा से कर दिया गया। जिनसे इनका एक पुत्र राहुल पैदा हुआ। बचपन से ही सिद्धार्थ गंभीर स्वभाव के होने के कारण अपना अधिकतर समय अकेले में चिंतन करके व्यतीत करते थे। एक दिन जब वह भ्रमण पर निकले तो उन्होंने एक वृद्ध को देखा जिसकी कमर झुकी हुई थी। और वह लगातार खांसता हुआ लाठी के सहारे चला जा रहा था। थोड़ी आगे एक मरीज को कष्ट से कराहते देख उनका मन बेचैन हो उठा। उसके बाद उन्होंने एक मृतक की अर्थी देखी जिसके पीछे उसके परिजन विलाप करते जा रहे थे। इन सभी दृश्यों ने सिद्धार्थ को झकझोर कर रख दिया और उन्होंने संन्यासी बनने का निश्चय कर लिया। तब 29 वर्ष की आयु में एक रात सिद्धार्थ गृह त्याग कर इस क्षणिक संसार से विदा लेकर सत्य की खोज में निकल पड़े।इस दौरान अनिल कुमार, सुनील कुमार, चंद्रकुमार, विंदा प्रसाद, रामदवान यादव, संदीप भारती, जोगमन भारती, रामप्रेवश चौधरी, सुभम पटवा, कमलेश, विनोद यादव, दिनेश कुमार, कुलदीप कुमार आदि मौजूद रहे।